matribhasha

लेख : राष्ट्र निर्माण में मातृभाषा का महत्व

हम सभी को बतौर छात्र अङ्ग्रेज़ी के साथ एक विषय के रूप में बिताए गए दिन अभी भी याद होंगे। जब अङ्ग्रेज़ी बतौर विदेशी भाषा हम सभी को थोपी एवं कठिन भाषा लगती थी। यह भी विचारणीय है कि वर्षों… Read More

nirala jayanti

नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया द्वारा निराला की जयंती के उपलक्ष्य में काव्य गोष्ठी का आयोजन

रविवार को नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया के गांधी सभागार में दिनांक 11 फरवरी 2024 को परम्परा और आधुनिकता के सेतु महाकवि महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की जयंती के उपलक्ष्य में प्रथम सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन सभाध्यक्ष आचार्य परमेश्वर… Read More

dhananjay verma

हिंदी कहानी आलोचना के पुरोधा धनंजय

श्रद्धेय गुरुवर व हिंदी के अनथक योद्धा धनंजय जी को अंतिम प्रणाम!!! श्रद्धेय गुरुवर प्रोफेसर धनंजय वर्मा की चिर विदाई ने साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। उनका जाना, एक युग का समाप्त हो जाना है।उनकी जिंदादिली मशहूर थी।… Read More

monsoon rain in film songs

लेख : फ़िल्मी गीतों में बरसता सावन

“रिमझिम के तराने लेकर आई बरसात” अगर कोई मुझसे पूछे कि तुम्हें कौन-सा मौसम सुहावना लगता है, तो मैं बिना समय गवाएं कह सकता हूँ कि मुझे तो सिर्फ़ बरसात का मौसम सुहाना लगता है।  यह वह समय होता है… Read More

ram mandir ayodhya

कविता : रामलला घर आयेंगे एक दिन

रामलला घर आयेंगे एक दिन, आस लगाये पंथ निहारे तकते व्याकुल राहें राम की, नैना बिछाए देहरी बुहारे निकट आ गई घड़ी सखी री, रामलला फिर घर आयेंगे हर घर सजे अयोध्या जैसा, राम अयोध्या धाम आयेंगे। स्वागत की ऐसी… Read More

jai shree ram

कविता : मेरे राम हैं तेरे राम

मेरे राम हैं तेरे राम, तेरे राम है मेरे राम रामचंद्र जग के रखवारे, सबके काज सँवारे राम। सारी दुनिया भई दीवानी, बनी बाँवरी देख ज़रा चली आ रही धाम अयोध्या, दर्शन देंगें रामलला मंगल गीत गा रहे सारे, ताल… Read More

Shree Ram and Hanuman

कविता : हे राम! मुझे अपना लो

हे राम! मुझे हनुमान समझ कर अपना लो निज सेवक सुत अंजान समझ कर अपना लो महामूरख ठेठ नादान समझ कर अपना लो कंकड़ धूलि पाषान समझ कर अपना लो। नेह इतना बरसाओ कि मन दुःख बिसरा दे दुःख पीड़ा… Read More

sakranti in india

कविता : मकर संक्रांति

युगों युगों से, काल काल में, वेदों में ,पुराणों में आलौकिक है महिमा मंडित,शास्त्रों में व्याख्यानों में। बिहू,पोंगल,माघी,ओणम खिचड़ी कोई तिलचौली विभिन्न नाम से संक्रान्ति इस भारत में जाती बोली। दक्षिण से उत्तर को आते सारँग सूर्य भगवान किसी पिता… Read More

happy new year

व्यंग्य : शुभकामनाओं की सुनामी

लोगों को इस साल में भले ही कुछ नयापन नजर न आ रहा हो, हमें तो मौजा ही मौजा ही दिख रहा है । चुनावी साल है तो जनता जनार्दन की बल्ले -बल्ले रहने वाली है । व्यंग्यकार को चिकोटी… Read More

labour working on manrega

कहानी : सौगंध

गाँव में मजदूरों को बारह महीने प्रतिदिन काम नहीं मिलता है। गर्मी के दिनों में कुआँ का पानी सूख जाने के बाद किसान नरेगा में मजदूरी करने जाते हैं। अधिकांश मजदूर गर्मी के दिनों में काम नहीं मिलने पर चैक… Read More