अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद देश भर में छात्रों के हितों की बात करता रहा है। परिषद लगातार छात्र हितों के लिए प्रयासरत है। विद्यार्थी परिषद का मुख्य उद्देश्य समाज में सामाजिक सौहार्द तथा भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत… Read More

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद देश भर में छात्रों के हितों की बात करता रहा है। परिषद लगातार छात्र हितों के लिए प्रयासरत है। विद्यार्थी परिषद का मुख्य उद्देश्य समाज में सामाजिक सौहार्द तथा भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत… Read More
प्रश्न – हिंदी साहित्य के वर्तमान परिवेश में मठ और मठाधीशों की क्या स्थिति है ? उत्तर- हिंदी साहित्य इस समय मठ और मठाधीशों के कम्रिक रूपांतरण की प्रक्रिया से गुजर रहा है । कोरोना काल में यात्रा करने की… Read More
ओटीटी प्लेटफॉर्म की शुरुआत जब देश में हुई तो किसी को इतना अंदाजा नहीं था कि यह अपनी पकड़ भारतीय दर्शकों पर इतनी ज्यादा बना देगा ।शुरुआती वेब सीरीज को देखकर लगा कि बस कुछ एक कंटेंट ऐसे हैं जिन्हें… Read More
बोलो जुबाँ केसरी (व्यंग्य) ‘कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे जाने कैसे लोग वो होंगे जो उसको भाते होंगे “ जी हाँ उसको गुटखा बहुत भाता था ,वो गुटखे के बिना न तो रह सकता था और न… Read More
पद्मा इन दिनों बहुत परेशान थी। पढ़ाई के साथ साथ साहित्य में अपना अलग मुकाम बनाने का सपना रंग ला रहा था। स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर तक उसकी रचनाएं प्रकाशित हो रही थीं। जिसके फलस्वरूप उसे विभिन्न आयोजनों… Read More
भावनाओं की उत्कृष्टता का, आदर्शवादिता का, प्रेम – समर्पण का समुद्र भरता है दिव्य ग्रंथ रामायण महकाव्य गढ़ता है।। एक बूढ़ा पक्षी एक स्त्री की रक्षा करता है, उम्र से हारा जटायू भी एक विचार करता है, तू काहे इस… Read More
एक थी श्रद्धा माता-पिता दुलारी गई भटक रिश्ता भी धोखा दिल टूटा श्रद्धा का केवल पीड़ा ना वो आजादी मां-बाप बिन शादी गत श्रद्धा की ना प्रेम पला ना रहा लिव-इन जग-हसाई न रहा प्यार केवल व्यभिचार श्रद्धा व ताब… Read More
आँखे अँधी है, कान है बहरे , हाथ पांव भी भले विकल । वाणी-बुद्धि में बनी दुर्बलता , विश्वास-हौसला सदा अटल । अक्षमताओं से क्षमता पैदा कर , विकलांग से हम दिव्यांग कहाए । परिस्थितियों से लोहा लेकर ही ,… Read More
पिछले दिनों कवि/साहित्यकार रिशु अपने मित्र लवलेश के घर गया। यूँ तो दोनों का एक दूसरे के घर काफी पहले से आना जाना था। मगर लवलेश की शादी में रिशु अपने एक पूर्व निर्धारित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में जाने की… Read More
‘महुआ’ शब्द में ही मिठास है।इस विषय पर सोचने और लिखने से आँखों में खुदबखुद चमक आ जाती है।यह शब्द हमारे इतिहास,संस्कृति और हमारी परंपराओं से जुड़ा हुआ है।वैदिक काल से लेकर अभी तक महुआ के फूल,फल और पेड़ की… Read More