अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद देश भर में छात्रों के हितों की बात करता रहा है। परिषद लगातार छात्र हितों के लिए प्रयासरत है। विद्यार्थी परिषद का मुख्य उद्देश्य समाज में सामाजिक सौहार्द तथा भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत… Read More

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद देश भर में छात्रों के हितों की बात करता रहा है। परिषद लगातार छात्र हितों के लिए प्रयासरत है। विद्यार्थी परिषद का मुख्य उद्देश्य समाज में सामाजिक सौहार्द तथा भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत… Read More
ये तो अन्याय ही होगा न ! जब माता शबरी से कोई कहे कि तेरे राम नहीं आयेंगे |……. उम्मीद छोड़ दो | माता शबरी मैं भारत माई को कह रहा हूँ | और जानते हैं,उनके राम कौन है? जिनके… Read More
सभ्य व आदर्श समाज में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सम्पूर्ण प्रतिभा व क्षमता के द्वारा सुख साधनों को बढ़ाने चाहिए जो दूसरो की सवंत्रता में बाधक न हो यदि बाधक हो, तो उनका सहयोग करे । *You must know whole… Read More
हिंदी हिंदुस्तान की बुद्धि और व्यवहार हिंदी हिंदुस्तान की भक्ति और सदभाव हिंदी के उदार उर में समाहित हैं सब भाषा भाव हिंदी हिंदुस्तान की मुक्ति और निर्वाण सबकों अपनें साथ लिए हिंदी चलती जाती हैं प्रगति के पथ पर… Read More
“नारी यदि वर्तमान के साथ भविष्य को भी अपने हाथ में ले ले तो वह अपनी शक्ति से बिजली की तड़क को भी लज्जित कर सकती है।” जब नारी अपने कदम आगे बढ़ाती हैं , तो वह कही इतिहास लिख… Read More
करुणा सागर को धार बनाकर तुम भी लहरों सी हुंकार भरो जाज्वल्यमान ज्वाला बन कर मन के तम का संहार करो अबला ना समझो सबल हो तुम । नारी होने का अभिमान करो ।। उठो निडर तुम बढ़ो निडर तुम… Read More
मन की बातों को छुपा लिया पर नयनों को क्या समझाओगे अधरों मे दबे अपने भावो को जब शब्दों मे ना कह पाओगे तुम जो कहते थे मेरे जीवन में हर शब्द तुम्हीं हर भाव तुम्ही हो मेरी शक्ति मेरी… Read More
दिवस बदलते, माह बदलते, बदले कैलेंडर, बदले कई वार । चलो मनाएं ,नई सुबह पर, नए वर्ष का ,नया त्योहार । धरा वही ,आसमां वही है, लगे नया ,भव-पारावार । वर्ष नया , कैलेंडर बदला, सोच भी बदलें, अब की… Read More
बोलो जुबाँ केसरी (व्यंग्य) ‘कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे जाने कैसे लोग वो होंगे जो उसको भाते होंगे “ जी हाँ उसको गुटखा बहुत भाता था ,वो गुटखे के बिना न तो रह सकता था और न… Read More
पद्मा इन दिनों बहुत परेशान थी। पढ़ाई के साथ साथ साहित्य में अपना अलग मुकाम बनाने का सपना रंग ला रहा था। स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर तक उसकी रचनाएं प्रकाशित हो रही थीं। जिसके फलस्वरूप उसे विभिन्न आयोजनों… Read More