वीरवर हरदोल बुन्देलखण्ड के लोकदेव के रूप में पूजित ऐतिहासिक पात्र हैं। उनका जीवन वीरता, त्याग और बलिदान की अद्भुत गाथा है। अपनी भाभी की सच्चरित्रता का परिचय देने हेतु उन्हीं के हाथों से हँसते हुए विषपान कर लेने का… Read More
लेख : बसंत पंचमी और वैलेंटाइन डे
प्रणय दिवस बसंतोत्सव, मदनोत्सव और वैलेंटाइन डे पर विशेष वैलेंटाइन डे वैसे तो पाश्चात्य परिकल्पना है और विगत दो दशकों में इसका विस्तार हुआ है किन्तु यदि हम ध्यानपूर्वक देखें तो पाएंगे कि यह भारतीय संस्कृति में भी चिरकाल से… Read More
लेख : हिंदी सिनेमा, टीवी और ओटीटी में श्रीराम
भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और संस्कारों में बल्कि हम भारतीयों के हृदयस्थल और रोम-रोम में श्रीराम विराजते हैं, फिर भी आम जन प्रायः यह मानता है कि सिनेमा जैसा अपेक्षाकृत आधुनिक माध्यम पूर्णतः पाश्चात्य रंग में रँगा हुआ है और… Read More
शोध लेख : आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की हिन्दी दृष्टि
यह शत प्रतिशत सत्य है कि आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की साहित्यिक दृष्टि को समझे बगैर हिन्दी साहित्य को समझ पाना आज भी आकाश कुसुम जैसा है। उनकी स्थापनाओं से टकराए बगैर न तो समीक्षक आगे बढ़ सकते हैं और न… Read More
मूवी रिव्यू : ब्रेथ इन टू द शैडोज़
रॉबर्ट ब्लॉच ने सन 1959 में मनोवैज्ञानिक थ्रिलर उपन्यास साइको (Psycho) लिखा था, जो आश्चर्यजनक ढंग से उसी दौरान या उपन्यास लेखन के बाद अमेरिका में घटी कुछ मल्टी पर्सनॉलिटी डिसऑर्डर या डिसोसियेटिव पर्सनॉलिटी डिसऑर्डर या हिन्दी में बहु व्यक्तित्व… Read More
फिल्म समीक्षा : शतरंज के खिलाड़ी 1977
शतरंज के खिलाड़ी प्रेमचन्द की वह कहानी है, जिसमें उन्होंने डलहौजी की हड़प नीति का शिकार बनते अवध की कहानी को दर्शाया है, जो अवध के नवाब वाजिद अली शाह के नेतृत्व में ऐशो आराम में बेफिक्र होकर सोया हुआ… Read More
वेदबुक से फेसबुक तक स्त्री
स्त्री सम्मान के प्रतीक विश्व महिला दिवस के अवसर पर विश्व की समस्त मातृ शक्ति को नमन करते हुए प्रस्तुत है मेरी पुस्तक “वेदबुक से फेसबुक तक स्त्री” का मेरी बात अंश : #मेरी_बात जिस समय… Read More
दीपावली : विजय का प्रतीक
दीपावली प्रभु श्रीराम की रावण पर विजय के उपरांत अयोध्या के उत्सव का प्रतीक है, जहां उनके भव्य राजतिलक के अवसर पर अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाकर उनके राजतिलक की स्मृतियों को शाश्वत कर दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार… Read More
हम सबको आज़ादी मुबारक़
दुनिया की सबसे बड़ी आबादी की अदला बदली, लाखों लोगों के विस्थापन और लाखों निर्दोषों का लहू बहाने के बाद 14-15 अगस्त की मध्य रात्रि को हमें मिली आज़ादी की खुशबू कुछ अधिक प्रीतिकर होती अगर विभाजन का दंश हमें… Read More
ये कश्मीर है…
इस बार ईदुल अजहा पर कश्मीर की शांति देखकर मन प्रसन्न है। संभवतः यह पिछले बीस वर्षों की यह पहली ईद होगी, जिसमें सर्वत्र शांति है और देशद्रोही ताक़तों के हौसले पस्त हैं। ऐसे में मुझे लगता है कि कश्मीर… Read More