अंक 2, जनवरी – मार्च 2023
अनुक्रमणिका
संपादकीय | आशुतोष श्रीवास्तव | पृष्ठ संख्या: 01
लघुकथा : अफ़साना | निलय मंडल | पृष्ठ संख्या: 02
लेख : मकर संक्रांति और विज्ञान | डॉ. अजय शुक्ला | पृष्ठ संख्या: 03
कविता : पापा, तुम बिन जीवन रीता है | दिलीप कुमार | पृष्ठ संख्या: 05
लेख : मूल्य और उसका व्यावहारिक पक्ष | डॉ. विकास चन्द्र मिश्र | पृष्ठ संख्या: 06
लघुकथा : यूज एंड थ्रो | नेतराम भारती | पृष्ठ संख्या: 07
कहानी : अटूट बंधन | नन्दलाल मणि त्रिपाठी | पृष्ठ संख्या: 08
लघुकथा : विदाई | महेश राजा | पृष्ठ संख्या: 10
गीत : श्री गीता | बिमल तिवारी “आत्मबोध” | पृष्ठ संख्या: 11
व्यंग्य : लंका | दिलीप कुमार | पृष्ठ संख्या: 12
शोध लेख : आदिवासी पहचान और संस्कृति | देविन्दर सिंह | पृष्ठ संख्या: 16
शोध लेख : अमृतलाल नागर की दृष्टि में ‘ सत्तावनी क्रांति | सफी हसन नक़वी | पृष्ठ संख्या: 21
शोध लेख : भीष्म साहनी का नाट्य साहित्य सृजन और संदर्भ | प्रिया कौशिक | पृष्ठ संख्या: 25
शोध लेख : साहित्य की सिनेमाई पटकथा रूपांतरण की समस्याएँ | साधना अग्निहोत्री | पृष्ठ संख्या: 31
शोध लेख : कवि केदारनाथ सिंह’ | डॉ. अविचल गौतम | पृष्ठ संख्या: 36
ग़ज़ल : कभी ख्वाहिशों ने, फंसाया ज़िन्दगी को | शांति स्वरूप मिश्र | पृष्ठ संख्या: 40
अंक 3, अप्रैल – जून 2023
अनुक्रमणिका
संपादकीय | आशुतोष श्रीवास्तव | पृष्ठ संख्या: 01
कविता : विचारों के कारखाने में | पी. रवींद्रनाथ | पृष्ठ संख्या: 02
दोहा : सवा-शतक | डी.कुमार.अजस्त्र | पृष्ठ संख्या: 03
लेख : नारी, माया या देवी | संध्या शर्मा | पृष्ठ संख्या: 12
लेख : अंक आधारित योग्यता | शुभम सिंह | पृष्ठ संख्या: 13
काश! ग़ालिब ने रटौल खाया होता | हैदर अली | पृष्ठ संख्या: 15
लघुकथा : रावण में भी राम | नेतराम भारती | पृष्ठ संख्या: 21
गीत : आस्था और विश्वास | संजय जैन | पृष्ठ संख्या: 22
व्यंग्य : खिड़की के बाहर का दृश्य | मयंक अग्निहोत्री | पृष्ठ संख्या: 23
शोध लेख : नाटक का सौंदर्यशास्त्र और उसके विभिन्न तत्व | कृष्ण मोहन | पृष्ठ संख्या: 25
शोध लेख : आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की हिन्दी दृष्टि | डॉ. पुनीत बिसारिया | पृष्ठ संख्या: 28
शोध लेख : नवजागरणकालीन हिंदी उपन्यास और साम्प्रदायिकता | अमरेन्द्र कुमार | पृष्ठ संख्या: 36
शोध लेख : हमारे देश की गरिमामयी अपराजिताएँ | डॉ. आरती स्मित | पृष्ठ संख्या: 46
शोध लेख : हिंदी के संदर्भ में विज्ञापन की दुनिया | सपना | पृष्ठ संख्या: 53
संस्मरण : अरे बाप रे! | अंबिका प्रसाद पाण्डेय | पृष्ठ संख्या: 58
ग़ज़ल : अरकान | निज़ाम फतेहपुरी | पृष्ठ संख्या: 60
अंक 4, जुलाई – सितंबर 2023
अनुक्रमणिका
संपादकीय | आशुतोष श्रीवास्तव | पृष्ठ संख्या: 01
कविता : स्वतंत्रता दिवस | आलोक कौशिक | पृष्ठ संख्या: 02
कविता : सावन-सुरंगा | डी.कुमार.अजस्त्र | पृष्ठ संख्या: 03
कविता : गुरु | सपना | पृष्ठ संख्या: 04
कविता : साजन बिन सावन | मनीषा कुमारी आर्जवांबिका | पृष्ठ संख्या: 05
कविता : शिव महायोगी | विमल तिवारी आत्मबोध | पृष्ठ संख्या: 06
कहानी : दास्तान-ए-भूख | दिलीप कुमार | पृष्ठ संख्या: 07
लेख : 2050 हिंदी दुनिया की सबसे बड़ी भाषा बनने जा रही है | दयानंद पांडेय | पृष्ठ संख्या: 09
गीत : श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर सोहर | मीना जैन दुष्यंत | पृष्ठ संख्या: 13
लेख : स्वतंत्रता से स्वछंदता तक | डॉ. विकास चन्द्र मिश्र | पृष्ठ संख्या: 14
शोध लेख : ‘अस्तित्व’ उपन्यास में चित्रित नारी अस्मिता | अनुराधा कुमारी | पृष्ठ संख्या: 16
शोध लेख : नारी संघर्ष का प्रतिबिंब ‘सेवासदन’ | सपना | पृष्ठ संख्या: 21
शोध लेख : रंगमंचीय संसार में उभरता आदिवासी रंगमंच | मनीष कुमार | पृष्ठ संख्या: 26
लेख : हिंदी सिनेमा में हिंदी भाषा का बदलता स्वरुप | डॉ. शैलेश पाण्डेय | पृष्ठ संख्या: 30
गजल : अपनों को दूर मत करिये | शांति स्वरूप मिश्र | पृष्ठ संख्या: 34
ग़ज़ल : अगर है प्यार मुझसे तो बताना भी ज़रूरी है | मुहम्मद आसिफ़ अली | पृष्ठ संख्या: 35
अंक 5, अक्टूबर – दिसम्बर 2023
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अनुक्रमणिका
संपादकीय | आशुतोष श्रीवास्तव | पृष्ठ संख्या: 01
कविता : गली-गली में घूमते | हरी राम मीना | पृष्ठ संख्या: 02
कविता : संकल्प | संजय जैन | पृष्ठ संख्या: 03
कविता : आदित्य, आदित्य की ओर | कुमार अजस्र | पृष्ठ संख्या: 04
व्यंग्य : पबजी-लव जी | दिलीप कुमार | पृष्ठ संख्या: 05
कविता : सिसकते किताबों के पन्ने | तुषार पुष्पदीप सूर्यवंशी | पृष्ठ संख्या: 07
लेख : दोस्ती | परिवर्तनकारी कुशराज | पृष्ठ संख्या: 08
लेख : भगोरिया पर्व | संध्या शर्मा | पृष्ठ संख्या: 10
लघुकथा : जानकी का घर | आलोक कौशिक | पृष्ठ संख्या: 12
शोध आलेख : ‘गदर की चिनगारियाँ’ नाटक-संग्रह में चित्रित नारी सशक्तीकरण | सपना | पृष्ठ संख्या: 13
लेख : अजीब समस्या है मेरे देश में | रिचा सिंह चंदेल | पृष्ठ संख्या: 20
गदर : जब दर्शकों ने किया समीक्षकों का मुह बंद | आशुतोष श्रीवास्तव | पृष्ठ संख्या: 21
लेख : भाषाविज्ञान कला है या विज्ञान | तेजप्रताप टंडन | पृष्ठ संख्या: 22
लेख : भोजपुरी लोकगीत परम्परा में अगली कड़ी सोहर गीत | डॉ. विकास चन्द्र मिश्र | पृष्ठ संख्या: 24
ग़ज़ल : यहाँ की हवाओं में ज़हर घोलने वाले | मुहम्मद आसिफ़ अली | पृष्ठ संख्या: 27
कहानी : ऐसा क्यों है? | सुधीर श्रीवास्तव | पृष्ठ संख्या: 28