भुजंग, शशांक, त्रिशूल, शंख
जटा विचरती पवित्र गंग
व्याघ्र खाल पहन मलंग
धतूरा दुग्ध वेलपत्र भंग
विराज नन्दी गणादि संग
तुरही नाद डमरू मृदंग
रुद्राक्ष कण्ठ हार पहन।
शिव चले यक्षदेव भुवन।।
त्रियोदशी शिव ब्याह करन
महादेव चले गौरा वरन
नाचे धरा दिश ऋतु गगन
त्रिलोक मस्त देव प्रसन्न
“दीपक” जला माला उठाये
द्वारे खड़ीं गौरी सकुचाये
ब्रह्मांड से चिर ध्वनि आये।
बमबम भोले नमः शिवाय।।
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय...