maa

कविता : बड़ी माँ

अब बड़ी माँ घर में नहीं है उनकी आहट, उनकी बातें नहीं है। शाम को बैठकर चाय की चुस्की और ढेर सारी ज्ञान की बातें अब पहले सी वो शाम नहीं है। अब बड़ी माँ घर में नहीं है। गुस्सा… Read More

pro chauthiram

भावपूर्ण श्रद्धांजलि प्रो. चौथीराम यादव

प्रसिद्ध चिंतक और लोकधर्मी आलोचक प्रोफेसर चौथीराम यादव के स्मृति में आज एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन रवींद्रपुरी स्थित आचार्य रामचंद्र शुक्ला शोध संस्थान में किया गया जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ दलित साहित्यकार श्री जवाहरलाल कौल ‘व्यग्र’ ने किया। शोक सभा… Read More

savarkar

पुस्तक समीक्षा : सावरकर की चिंतन-दृष्टि

इतिहास के पन्नों में विनायक दामोदर सावरकर का नाम भारतीय राजनीति के परिप्रेक्ष्य में काफी चर्चा का विषय रहा है। राजनीतिक दलों ने अपने अपने अनुसार वीर सावरकर को समझने का प्रयास किया है। किसी ने स्वतंत्रता आंदोलन में एक… Read More

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कविता : होली आई

आओ हम सब, मिलकर मनायें होली। अपनो को स्नेह प्यार का, लगाये रंग हम। चारों ओर होली का रंग, और है अपने संग। तो क्यों न एकदूजे को, लगाये हम रंग। आओ मिलकर मनायें, रंगो की होली हम।। राधा का… Read More

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गीत : मैं किशना हो जाऊँ पिया

ऐसा रंग दे मोहे रँगरेज़ा, वृन्दावन हो जाऊँ पिया तू बन जाये राधा रानी, मैं किशना हो जाऊँ पिया। होली खेलें किशन मुरारी, भर भर मारें रंग पिचकारी सूखी देह रही ये सारी, भींग गयी सिगरी अँगियारी बाँह पकड़ के… Read More

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गीत : महाशिवरात्रि

भुजंग, शशांक, त्रिशूल, शंख जटा विचरती पवित्र गंग व्याघ्र खाल पहन मलंग धतूरा दुग्ध वेलपत्र भंग विराज नन्दी गणादि संग तुरही नाद डमरू मृदंग रुद्राक्ष कण्ठ हार पहन। शिव चले यक्षदेव भुवन।। त्रियोदशी शिव ब्याह करन महादेव चले गौरा वरन… Read More

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ग़ज़ल : औरत

उमर के साथ साथ किरदार बदलता रहा शख्सियत औरत ही रही प्यार बदलता रहा। बहिन, बेटी, बीबी, माँ, न जाने क्या क्या चेहरा औरत का दहर हर बार बदलता रहा। हालात ख्वादिनों के कई सदियां न बदल पाईं बस सदियाँ बदलती रहीं, संसार बदलता रहा।… Read More