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गीत : प्यारा हिंदुस्तान

है प्यार बहुत देश हमारा हिन्दुतान। है संस्कृति इसकी सबसे निराली है। कितनी जाती धर्म के, लोग रहते यहाँ पर। सब को स्वत्रंता पूरी है, संविधान के अनुसार।। कितना प्यार देश है हमारा हिंदुस्तान। इसकी रक्षा करनी है आगे तुम… Read More

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लेख : राष्ट्रनायक सुभाषचंद्र बोस

ये तो अन्याय ही होगा न ! जब माता शबरी से कोई कहे कि तेरे राम नहीं आयेंगे |……. उम्मीद छोड़ दो | माता शबरी मैं भारत माई को कह रहा हूँ | और जानते हैं,उनके राम कौन है? जिनके… Read More

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कविता : जौहर-ज्वाला पद्मिनी

धधक उठी ज्वाला जौहर की राजस्थान कहानी थी । रतन सिंह मन-प्रेम पद्मिनी ,वो मेवाड़ की रानी थी। गन्धर्वराज घर की किलकारी,चम्पावती की मन ज्योति। सिंहलद्वीप की राजरागिनी , स्त्री की थी उच्चतम कोटि। सुंदरता तन में भी अनुपम ,मन… Read More

josh

कविता : उठो मन

उठो मन!अभी तुम्हें बहुत चलना है, कदम रखकर आगे अभी और बढ़ना है। कि अभी मंजिल न आयी है तुम्हारी भ्रम में रहकर न रुकना है। उठो मन! अभी तो तुम्हें फिर चलना है, विपरीत बहती धाराओं में तो अभी… Read More

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गीत : प्यारा भारत देश

हमारा है प्यारा बहुत देश जिसमें रहते हर धर्म के लोग ये हमारा हिंदुस्तान है..। जिसमें बसते सबके प्राण तभी तो करते सब प्यार ये हमारा हिंदुस्तान है..।। जहाँ अनेकता में एकता नजर आती है सदा ये हमारा हिंदुस्तान है..।… Read More

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गीत : नहीं है देश प्यार तो

जिसमें रहते सर्वधर्म इंसान। विश्व में अलग ही है पहचान। जिसे लोग कहते हिंदुस्तान। ये देश है बहुत महान।। जो नारी की लाज लूटते है। नहीं उनको देते है सम्मान। चाहे वो मुल्ला हो या महाराज। नहीं है देश में… Read More

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कविता : माटी का खिलौना

तू माटी का एक पुतला है तुझे माटी में ही मिलना है। बस कट पुतली बनकर ही तुझे ये मानव जीवन जीना है। और मानव के इस पुतले को इस खिलौने से खेलना है। फिर कुछ बर्षो उपरांत तुझे उसी… Read More

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लेख : सेक़ुअल के भरोसे ओटीटी

ओटीटी प्लेटफॉर्म की शुरुआत जब देश में हुई तो किसी को इतना अंदाजा नहीं था कि यह अपनी पकड़ भारतीय दर्शकों पर इतनी ज्यादा बना देगा ।शुरुआती वेब सीरीज को देखकर लगा कि बस कुछ एक कंटेंट ऐसे हैं जिन्हें… Read More

nayasal

काव्य : वर्ष नया ,नया त्योहार

दिवस बदलते, माह बदलते, बदले कैलेंडर, बदले कई वार । चलो मनाएं ,नई सुबह पर, नए वर्ष का ,नया त्योहार । धरा वही ,आसमां वही है, लगे नया ,भव-पारावार । वर्ष नया , कैलेंडर बदला, सोच भी बदलें, अब की… Read More

mansikta

लेख : मानसिकता

पद्मा इन दिनों बहुत परेशान थी। पढ़ाई के साथ साथ साहित्य में अपना अलग मुकाम बनाने का सपना रंग ला रहा था। स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर तक उसकी रचनाएं प्रकाशित हो रही थीं। जिसके फलस्वरूप उसे विभिन्न आयोजनों… Read More