सावन का महीना चल रहा शिव-पार्वती जी का आराम। गृहस्थ और कुवारों को भी काम काज से मिली है छुट्टी। जिसके चलते कर सकते है शिव पार्वती जी की भक्ति। श्रध्दा भक्ति हो गई कबूल तो मिल जायेंगे साक्षात दर्शन।।… Read More

सावन का महीना चल रहा शिव-पार्वती जी का आराम। गृहस्थ और कुवारों को भी काम काज से मिली है छुट्टी। जिसके चलते कर सकते है शिव पार्वती जी की भक्ति। श्रध्दा भक्ति हो गई कबूल तो मिल जायेंगे साक्षात दर्शन।।… Read More
आओ हम सब, मिलकर मनायें होली। अपनो को स्नेह प्यार का, लगाये रंग हम। चारों ओर होली का रंग, और है अपने संग। तो क्यों न एकदूजे को, लगाये हम रंग। आओ मिलकर मनायें, रंगो की होली हम।। राधा का… Read More
देखा है जब से तुम्हें दिल में हलचल होने लगी। दिल की बैचेनी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी है। आँखो में आँसू और दिल में प्यार दिखने लगा। शायद दिल में मोहब्बत का अब दीप जल उठा।। देखते ही देखते प्यार… Read More
मुझे जो तुमने देखा तो तुमको कुछ तो हुआ। तुम्हारी आँखो ने मानो कुछ ऐसा कुछ कहा। तुम्हें कुछ एहसास हुआ या दिलको भ्रम हुआ। मोहब्बत में अक्सर ऐसा सभी को होने लगता।। मोहब्बत में आँखो का अलग अंदाज होता… Read More
आँखो के मिलने से ही आँखो से प्यार हो गया। अब चाहत को पाने की मुझे कोशिश करना है। और दिल को दिलसे मिलना हमको जो है। तभी तो प्यार का सागर बनाया पायेंगे हम दोनों।। बसा अब ली है… Read More
कहाँ तुम जा रहे हो मुझे दिवाना बनाकर। हरा क्यों दर्द तुम ने अपनी हंसी को दिखाकर। अब क्यों फिर से दर्द तुम दिये जा रहे हो। और मोहब्बत का दीप क्यों बुझाये जा रहे हो।। जब जाना ही था… Read More
कहीं का ईट कहीं का रोडा भानुमती ने कुनबा जोड़ा। देखो देखो इस कुनबे को कैसे इतरा रहा है कुनबा। इस कुनबे में स्वार्थ है ज्यादा पर अपनापन बहुत कम है। फिर भी देखो इस कुनबे को एक सूत्र में… Read More
जो बीत गया सो बीत गया अब उसके लिए क्यों रोना। आने वाले पलो की सोचो खुशियों के बारे में सोचो। जीने का मकसद को सोचो जीने की तुम राह चुनो। मोक्ष मार्ग तुमको मिलेगा सच्चे मन से तुम या… Read More
गीत गजल कविताएं, मैं लिखता हूँ । गीत मिलन के भी, जो मैं गाता हूँ।। गीत मिलन के मैं, गा के सुनता हूँ। प्रेम रस बरसाता हूँ, मैं अपने गीतों से। जग जाती है मोहब्बत, लोगों के दिलो में। मंत्रमुक्त… Read More
इंसान का इंसान को ही भरोसा नहीं है। मौत का भी अब किसी को भरोसा नहीं। कब किसकी आ जाये कोई कह सकता नहीं। अब तो चलते फिरते भी छोड़कर चले जा रहे हैं।। हँसते हुए निकले थे सुबह अपने… Read More