holi

कविता : होली आई

आओ हम सब, मिलकर मनायें होली। अपनो को स्नेह प्यार का, लगाये रंग हम। चारों ओर होली का रंग, और है अपने संग। तो क्यों न एकदूजे को, लगाये हम रंग। आओ मिलकर मनायें, रंगो की होली हम।। राधा का… Read More

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कविता : प्यार है या कुछ और

देखा है जब से तुम्हें दिल में हलचल होने लगी। दिल की बैचेनी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी है। आँखो में आँसू और दिल में प्यार दिखने लगा। शायद दिल में मोहब्बत का अब दीप जल उठा।। देखते ही देखते प्यार… Read More

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कविता : मोहब्बत अमर हो गई

मुझे जो तुमने देखा तो तुमको कुछ तो हुआ। तुम्हारी आँखो ने मानो कुछ ऐसा कुछ कहा। तुम्हें कुछ एहसास हुआ या दिलको भ्रम हुआ। मोहब्बत में अक्सर ऐसा सभी को होने लगता।। मोहब्बत में आँखो का अलग अंदाज होता… Read More

kavita payari duniya

कविता : प्यारी दुनिया

आँखो के मिलने से ही आँखो से प्यार हो गया। अब चाहत को पाने की मुझे कोशिश करना है। और दिल को दिलसे मिलना हमको जो है। तभी तो प्यार का सागर बनाया पायेंगे हम दोनों।। बसा अब ली है… Read More

poem kha tum ja rahe ho

कविता : क्या है ये…

कहाँ तुम जा रहे हो मुझे दिवाना बनाकर। हरा क्यों दर्द तुम ने अपनी हंसी को दिखाकर। अब क्यों फिर से दर्द तुम दिये जा रहे हो। और मोहब्बत का दीप क्यों बुझाये जा रहे हो।। जब जाना ही था… Read More

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कविता : खानदान का महत्व

कहीं का ईट कहीं का रोडा भानुमती ने कुनबा जोड़ा। देखो देखो इस कुनबे को कैसे इतरा रहा है कुनबा। इस कुनबे में स्वार्थ है ज्यादा पर अपनापन बहुत कम है। फिर भी देखो इस कुनबे को एक सूत्र में… Read More

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कविता : आगे की सोचो

जो बीत गया सो बीत गया अब उसके लिए क्यों रोना। आने वाले पलो की सोचो खुशियों के बारे में सोचो। जीने का मकसद को सोचो जीने की तुम राह चुनो। मोक्ष मार्ग तुमको मिलेगा सच्चे मन से तुम या… Read More

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गीत : प्रेम रस बरसे

गीत गजल कविताएं, मैं लिखता हूँ । गीत मिलन के भी, जो मैं गाता हूँ।। गीत मिलन के मैं, गा के सुनता हूँ। प्रेम रस बरसाता हूँ, मैं अपने गीतों से। जग जाती है मोहब्बत, लोगों के दिलो में। मंत्रमुक्त… Read More

scs poem bharosa nahi

कविता : भरोसा नहीं

इंसान का इंसान को ही भरोसा नहीं है। मौत का भी अब किसी को भरोसा नहीं। कब किसकी आ जाये कोई कह सकता नहीं। अब तो चलते फिरते भी छोड़कर चले जा रहे हैं।। हँसते हुए निकले थे सुबह अपने… Read More

poem kese me khoju

कविता : खोज रहा खुदको

मैं खुद को ही खोज रहा। अपने खुद के अंदर। पर वो नहीं मिल रहा। मुझको खुद के अंदर।। कैसे मैं खोजू खुदको। कोई बताओ मुझको। क्या मेरा अस्तित्व है। मेरे खुद के अंदर।। अब चिंता में डूब रहा। मेरा… Read More