कहीं का ईट कहीं का रोडा
भानुमती ने कुनबा जोड़ा।
देखो देखो इस कुनबे को
कैसे इतरा रहा है कुनबा।
इस कुनबे में स्वार्थ है ज्यादा
पर अपनापन बहुत कम है।
फिर भी देखो इस कुनबे को
एक सूत्र में बंधा हुआ है।।
मान सम्मान से भरा पड़ा है
लोक लाज का ख्याल रखा है।
घर में लड़ते और झगड़ते
पर बाहर तो एक ही देखते।
इसलिए तो इस कुनबे का
ख्याति और प्रतिष्ठा बड़ा है।
देखो लोगों देखो इन को
शहर समाज में नाम बड़ा है।।
जब तक मुठी बंद पड़ी है
तब तक रुतवा बना हुआ है।
जिस दिन ये खुल जायेगी
फिर कुनबा बिखर जायेगा।
मान प्रतिष्ठा और अभिमान
कुनबे का टूट जायेगा।
बना बनाया घर अपना
देखते देखते बिखर जायेगा।।