Harishankar Parsai

हरिशंकर परसाई का लेखन : समय, समाज और संस्कृति का प्रतिबिम्ब

दिनांक 21/08/2024, बुधवार को हिंदी विभाग उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी एवं प्रगतिशील लेखक संघ, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में उदय प्रताप (स्वायत्तशासी) कॉलेज, वाराणसी के राजर्षि सेमिनार हाल में ‘हरिशंकर परसाई का लेखन : समय, समाज और संस्कृति का प्रतिबिम्ब’… Read More

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नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया में हुआ तुलसी जयंती समारोह का समापन

दिनांक 11 अगस्त को नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया के तत्वावधान में तुलसी जयंती समारोह मुख्य अतिथि श्री शलभ मणि त्रिपाठी (सदर विधायक), मुख्य वक्ता अष्टभुजा शुक्ल, प्रख्यात साहित्यकार, विशिष्ट अतिथि श्रीमती अलका सिंह, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद, देवरिया की उपस्थिति… Read More

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नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया द्वारा तुलसी साहित्य प्रतियोगिता का आयोजन

नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया द्वारा दिनांक 8 अगस्त 2024 को तुलसी जयंती के उपलक्ष्य में तुलसी साहित्य पर आधृत प्रतियोगिता हुई। जिसमें बी.आर.डी. पीजी कॉलेज, संत विनोबा पीजी कालेज, महाराजा अग्रसेन इन्टर कालेज, महाराजा बालिका इंटर कालेज, एस एस बी… Read More

लक्ष्मीकांत चतुर्वेदी स्मृति न्यास के तत्वावधान में निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारंभ

15 अगस्त के दिन देवरिया नगर में मोती लाल मार्ग स्थित न्यास के कार्यालय में बालिकाओं के लिए कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारंभ होने जा रहा है। इस केन्द्र में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं को निःशुल्क कम्प्यूटर… Read More

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पुस्तक समीक्षा : दलित स्त्री केंद्रित कहानियाँ

दलित स्त्री केंद्रित कहानियाँ : स्वप्न, संघर्ष और यथार्थ का ताना-बाना साहित्य लेखन की आरम्भिक विधा कविता रही। कविता हो या कथा, पाश्चात्य हो या भारतीय, पुरुष लेखकों की रचनाओं में चित्रित ‘स्त्री छवि’ पर सहानुभूति और स्वानुभूति के आलोक… Read More

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कविता : सावन का महीना

सावन का महीना चल रहा शिव-पार्वती जी का आराम। गृहस्थ और कुवारों को भी काम काज से मिली है छुट्टी। जिसके चलते कर सकते है शिव पार्वती जी की भक्ति। श्रध्दा भक्ति हो गई कबूल तो मिल जायेंगे साक्षात दर्शन।।… Read More

Anant Ambani

व्यंग्य : सदी की शादी

“जय श्रीराम शुक्लाजी, कहाँ से लौट रहे हैं इतनी गर्मी में? आसमान स आग बरस रही है और आप स्कूटर घर में रखकर साइकिल भांज रहे हैं। काहे बचा रहे हैं इतना पैसा” मैंने उन्हें अभिवादन करते हुए उन्हें शब्दों… Read More

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गुजरात की दलित पत्रकारिता

गुजरात में दलित पत्रकारिता प्रारंभ सात-आठ दशक से पहले हो चुका है तथापि उसकी स्पष्ट छवि अब तक नहीं बन पायी। दलित पत्रकारिता अर्थात वर्ण व्यवस्था, जाति प्रथा,अस्पृश्यता एवं सामाजिक भेद-भाव का शिकार बना हुआ जनसमूह, जो इस देश में… Read More

maa

कविता : बड़ी माँ

अब बड़ी माँ घर में नहीं है उनकी आहट, उनकी बातें नहीं है। शाम को बैठकर चाय की चुस्की और ढेर सारी ज्ञान की बातें अब पहले सी वो शाम नहीं है। अब बड़ी माँ घर में नहीं है। गुस्सा… Read More