कहानी या उपन्यास लिखना मेरे लिए सिर्फ़ लिखना नहीं है, एक प्रतिबद्धता है। प्रतिबद्धता है पीड़ा को स्वर देने की। चाहे वह खुद की पीड़ा हो, किसी अन्य की पीड़ा हो या समूचे समाज की पीड़ा। यह पीड़ा कई बार… Read More

कहानी या उपन्यास लिखना मेरे लिए सिर्फ़ लिखना नहीं है, एक प्रतिबद्धता है। प्रतिबद्धता है पीड़ा को स्वर देने की। चाहे वह खुद की पीड़ा हो, किसी अन्य की पीड़ा हो या समूचे समाज की पीड़ा। यह पीड़ा कई बार… Read More
अंतरराष्ट्रीय संकाय संवर्धन कार्यक्रम समाज, संस्कृति और विश्वबोध 16 से 22 फरवरी 2022 समय : दोपहर 2 बजे से सायं 5 बजे पंजीकरण की अंतिम तिथि : 12 फरवरी 2022 लिंक : https://bit.ly/3qGXFxG +400
केंद्रीय हिंदी संस्थान, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद तथा विश्व हिंदी सचिवालय के तत्वावधान में वैश्विक हिंदी परिवार द्वारा हिंदी और उसकी बोलियों का अंतर्संबंध विषयक ई-संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा के… Read More
देखे थे मैंने सावन-भादों झूमते हर बार, पहली बार पूस की रातों को बरसते देखा था। भादों की चाँदनी में पेड़ तो जगमगाए थे पूस की रातों में जुगनुगों को झुरमुट से झाँकते पहली बार देखा था। पूस की उन… Read More
नागरी प्रचारिणी सभा देवरिया में विश्व हिन्दी दिवस मनाये जाने का यह अनवरत आठवां साल चल रहा है। 2015 में आप्रवासी हिन्दी साहित्यकार सरन घई (कनाडा), 2017 में रामदेव धुरंधर (मारीशस) तथा 2018 में तेजेंद्र शर्मा (ब्रिटेन) तथा 2019 में… Read More
सिनेमा भाषा के प्रचार-प्रसार का एक बहुत ही अच्छा माध्यम है। सिनेमा में हर तरह की हिंदी के लिए जगह है। फिल्म में पात्रों की भूमिका व परिस्थतियों को देखकर ही भाषा का प्रयोग किया जाता है। जिससे प्रारंभिक दौर… Read More
आप सभी सम्माननीय हिन्दी प्रेमी, कवि साहित्यकार बन्धुओं, नगर के प्रबुद्ध जन, सभा के शुभ चिंतक सम्मानित सदस्य गण से विनम्र अनुरोध है कि दिनांक 10-01-2022 सोमवार को 2 बजे अपराह्न नागरी प्रचारिणी सभा देवरिया के तुलसी सभागार में प्रति… Read More
राजधानी में बरस भर से ज्यादा चला खेती-किसानी के नाम वाला आंदोलन खत्म हुआ तो तंबू-कनात उखड़ने लगे। सड़क खुल गयी तो आस-पास गांव वालों ने चैन की सांस ली। मगर कुछ लोगों की सांस उखड़ने भी लगी थी। नौ… Read More
अच्छे दिन वो जाने कब तक आयेंगे तबतलक हम खाक़ में मिल जायेंगे।। रोशनी पहुंचेगी जब तक इल्म की ये अन्धेरे और भी बढ़ जायेंगे।। वक्त का सूरज भी कितना सुस्त है सालोंं उगने में उसे लग जायेंगें।। सभ्यता ने… Read More
आज नागरी प्रचारिणी सभा देवरिया के तुलसी सभागार में मासिक नागरी काव्य गोष्ठी सभाध्यक्ष आचार्य परमेश्वर जोशी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसके मुख्य अतिथि काशी से पधारे सुप्रसिद्ध कवि गज़लकार और समीक्षक डॉ. चंद्र भाल सुकुमार और विशिष्ट अतिथि… Read More