किसी को जज़्बात, जता कर भी क्या करते यूं बिखरे अरमान, सजा कर भी क्या करते यारों न थी उन्हें मंज़ूर जब मोहब्बत हमारी, तो खामखा दिल को, सता कर भी क्या करते उनको तो चाहिए थीं यूं ही बरबादियाँ… Read More

किसी को जज़्बात, जता कर भी क्या करते यूं बिखरे अरमान, सजा कर भी क्या करते यारों न थी उन्हें मंज़ूर जब मोहब्बत हमारी, तो खामखा दिल को, सता कर भी क्या करते उनको तो चाहिए थीं यूं ही बरबादियाँ… Read More
खुद पर ही खुद के फैसले,अब भारी हो गए कल तलक था सब कुछ,अब भिखारी हो गए बदल गया है दुनिया का चलन कितना यारों, कभी थे जो शिकार खुद अब शिकारी हो गए क्या याद करना अब उन गुज़रे… Read More
मोहब्बत के बिना रहना,क्या खाक होता यूं ज़िंदगी में जोश भरना,क्या खाक होता गर न होते दुनिया में,सुख दुःख के पचड़े, तो फिर अश्कों का झरना,क्या खाक होता गर न होती किसी के जिगर में,ये बेचैनियां, तो ज़िंदगी जीने का… Read More
ख़ुदी से जिंदगी में एक भूल कर बैठे वफ़ा-ए-इश्क़ मे ख़ुद को फ़ुज़ूल कर बैठे ये सोचते थे कि खुशबू कभी तो आएगी ख़िज़ाँ के मौसमों में ये मलूल कर बैठे यही तो होना था अंजाम आज़माने का, तबाह कर… Read More
न किया जो अब तलक,वो कर के देखेंगे अब हम भी किसी पर यारों,मर के देखेंगे ज़िन्दगी गुज़ार दी बस तन्हाइयों में हमने, अब मोहब्बत का दरिया में भी,उतर के देखेंगे हमने देखे हैं जाने कितने ज़फाओं के मारे अब… Read More
कभी आगे का ख़्याल करते, तो अच्छा होता कभी गुज़रा भी याद करते, तो अच्छा होता उजाड़ने का क्या है उजाड़ दो बस्तियां सारी, कभी तो कुछ आबाद करते, तो अच्छा होता औरों की अमानत को न उड़ाइये यारों में… Read More
बड़ी ख़ुदग़र्ज़,बड़ी फ़ितरती है दुनियाँ, नफ़रतों के खम्बों पर,टिकी है दुनियाँ। किसी को ग़म नहीं धेले भर किसी का, ये बड़ी ही बेरहम,और बेरुख़ी है दुनियाँ। अब तो जीते हैं लोग बस अपने लिए ही, यारों औरों के लिए,मर चुकी… Read More
यारों अब तो क़ैदख़ाने में,जी नहीं लगता, अब तो मुफ़्त की खाने में,जी नहीं लगता। यारों दे रही हैं अब तो,हड्डियाँ भी जवाब, अब तो ज़िन्दगी बचाने में,जी नहीं लगता। पड़ गए हैं महफ़िलों में,जाने कब से ताले, अब कोई… Read More
जिगर में एक शोर, जी उठा है फिर से वो गुज़रा, किरदार, जी उठा है फिर से बड़े ही जतन से बाँध कर रखा था इसे, यारों दिल फ़ितरती, जी उठा है फिर से ला पटका है वक़्त ने उसी… Read More
जिसको भी दी जान, कर के निराश चल दिया हूँ कोंन उसका मैं, करा के अहसास चल दिया सांसें थीं जब तलक,अकेला चलता रहा यारों, पर मरते ही, यार बनके आमो ख़ास चल दिया मैं किसको कहूँ अपना, किसको बेगाना… Read More