duri

ग़ज़ल : अरकान

दूर मुझसे न जा, वरना मर जाऊँगा। धीरे-धीरे सही, मैं सुधर जाऊँगा।। बाद मरने के भी, मैं रहूंगा तेरा। चर्चा होगी यही, जिस डगर जाऊँगा।। मेरा दिल आईना है, न तोड़ो इसे। गर ये टूटा तो फिर, मैं बिखर जाऊँगा।।… Read More

watan(1)

ग़ज़ल : वतन का खाकर जवाँ हुए

वतन का खाकर जवाँ हुए हैं वतन की खातिर कटेगी गर्दन। है कर्ज हम पर वतन का जितना अदा करेंगे लुटा के जाँ तन।। हर एक क़तरा निचोड़ डालो  बदल दो रंगत वतन की यारो। जहाँ  गिरेगा   लहू   हमारा   वहीं … Read More

atit sa

ग़ज़ल : मेरी आरज़ू रही

मेरी आरज़ू रही आरज़ू, युँ ही उम्र सारी गुज़र गई। मैं कहाँ-कहाँ न गया मगर, मेरी हर दुआ भी सिफ़र गई।। की तमाम कोशिशें उम्र भर, न बदल सका मैं नसीब को। गया मैं जिधर मेरे साथ ही, मेरी बेबसी… Read More

waiting lonely

ग़ज़ल : फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन

मौत आई नहीं फिर भी मारा गया। खेलने जब जुआ ये नकारा गया।। हार कर भी कभी होश आया नहीं। कर्ज लेकर हमेशा दुबारा गया।। जिसको आदत जुआ की बुरी पड़ गई। समझो गर्दिश में उसका सितारा गया।। अब बचा… Read More

women

ग़ज़ल : छन-छन के हुस्न उनका यूँ निकले नक़ाब से

छन-छन के हुस्न उनका यूँ निकले नक़ाब से। जैसे निकल रही हो किरण माहताब से।। पानी में पाँव रखते ही ऐसा धुआँ उठा। दरिया में आग लग गई उनके शबाब से।। जल में ही जल के मछलियाँ तड़पें इधर-उधर। फिर… Read More

women in ghughat

ग़ज़ल : ये बहर- बहरे-रमल की मुज़ाहिफ़ शक्ल है

बस हॅंसी हैं वो तो होने दो नज़र में मेरे नइं। यूॅं किसी से झूठ कह दूॅं ये हुनर में मेरे नइं।। तुम कहीं अपना चलाओ जाके जादू हुस्न का। औरों को होगी ज़रूरत तेरी घर में मेरे नइं।। ज़िंदगी… Read More