अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर आज उदय प्रताप कॉलेज के हिंदी विभाग एवं समाजशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘स्त्री संघर्ष का सिलसिला : उपलब्धियाँ और चुनौतियाँ’ विषय पर विज्ञान भवन के कक्ष संख्या 15 में एक संगोष्ठी… Read More
युगसापेक्ष और मनोगत दृष्टि को आत्मसात कर भविष्यदृष्टि रचते हैं बच्चन सिंह
हिन्दी और अन्य भारतीय भाषा विभाग की `हिन्दी साहित्य इतिहास लेखन एवं दृष्टिबोध, सन्दर्भ बच्चन सिंह का इतिहास लेखन शीर्षक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए विख्यात चिन्तक दीपक मल्लिक ने कहा बच्चन सिंह के… Read More
साहित्येतिहास के व्यापक दृष्टिबोध के सर्जक हैं आलोचक बच्चन सिंह
साहित्य न केवल मनुष्यता के जय-पराजय की विश्वसनीय छवि प्रकट करता है, वह भविष्य के निर्माण हेतु सपने देखता है और उस सपने के पक्ष में अपनी मुखर आवाज़ भी प्रकट करता है। बच्चन सिंह जैसे साहित्येतिहास लेखक अपने व्यापक… Read More
नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया द्वारा निराला की जयंती के उपलक्ष्य में काव्य गोष्ठी का आयोजन
रविवार को नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया के गांधी सभागार में दिनांक 11 फरवरी 2024 को परम्परा और आधुनिकता के सेतु महाकवि महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की जयंती के उपलक्ष्य में प्रथम सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन सभाध्यक्ष आचार्य परमेश्वर… Read More
ग्रंथ लोकार्पण समारोह
सुरेश चंद्र कृत नाटक ‘ मन्दिर से अस्पताल ‘ पर हरिराम द्वारा संपादित पुस्तक ‘मन्दिर से अस्पताल : मूल्यांकन के विविध आयाम’ का लोकार्पण समारोह का आयोजन दिनांक 19 अगस्त 2023 को सिजुआर भवन , मंगला गौरी रोड, नारायण चूआ… Read More
याद ए सहज मुशायरा और सम्मान संगोष्ठी आयोजित
सहज की रचनाएँ आम जन सर्वहारा वर्ग का प्रतिनिधित्व करती हैं रफीक सतनवी और कुनाल उमाकान्त निगम सहज स्मृति उर्दू अदब सम्मान से सम्मानित याद ए सहज मुशायरा और सम्मान संगोष्ठी आयोजित सतना, शब्द शिल्पी परिवार सतना के तत्वावधन में,… Read More
पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समारोह
पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समारोह सम्पन्न साहित्य अकादमी भोपाल का आयोजन पंडित दीनदयाल जी राष्ट्र ऋषि तुल्य हैं। – उत्तम बैनर्जी पंडित जी का एकात्म मानववाद को पुनः समझने और पालन करने की आवश्यकता – डॉ. विकास दवे सतना ,… Read More
‘पीताम्बर’ के एकल काव्य संग्रह का विमोचन किया वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. श्रद्धानन्द आनंद ने
वाराणसी( उत्तर प्रदेश)। `पीताम्बर` की रचना `एहसास रिश्तों का` आज के परिपेक्ष्य में साहित्य और विषय वस्तु में सर्वोत्तम श्रेष्ठतम खण्ड काव्य हैl यह रचना भारतीय हिंदी साहित्य के महाकवि निराला रामधारी सिंह,दिनकर को जीवन्त करती हैl निश्चित तौर पर… Read More
भारत में बहुभाषिकता एक स्वाभाविक प्रवृति रही है : गिरीश्वर मिश्र
केंद्रीय हिंदी संस्थान, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद तथा विश्व हिंदी सचिवालय के तत्वावधान में वैश्विक हिंदी परिवार द्वारा हिंदी और उसकी बोलियों का अंतर्संबंध विषयक ई-संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा के… Read More