सहज की रचनाएँ आम जन सर्वहारा वर्ग का प्रतिनिधित्व करती हैं
रफीक सतनवी और कुनाल उमाकान्त निगम सहज स्मृति उर्दू अदब सम्मान से सम्मानित याद ए सहज मुशायरा और सम्मान संगोष्ठी आयोजित
सतना, शब्द शिल्पी परिवार सतना के तत्वावधन में, जाने माने शायर स्व. उमाकान्त निगम’सहज’ की आठवी पुण्यतिथि के अवसर पर ’याद ए सहज’ अदबी मुशायरा और सम्मान संगोष्ठी का आयोजन २५ जुलाई को शाम ६ बजे से प्रेमनगर में किया। इसका संचालन अनिल अयान ने किया।
इस अवसर पर शब्द शिल्पी परिवार के द्वारा सतना के जानेमाने शायर रफीक सतनवी को उमाकान्त निगम सहज स्मृति उर्दू अदब सम्मान से सम्मानित किया गया। जिसमें सम्मान पत्र, सम्मान निधि और शाल सहज की के छोटे भाई शशिकान्त निगम और बेटे अंकुश निगम ने प्रदान किया। रसरंग संस्था के तत्वावधान में गोरखनाथ अग्रवाल ने सहज स्मृति युवा रचनाकार सम्मान युवा शायर कुनाल बरकड़े को प्रदान किया जिसमें स्मृति चिन्ह, बैच और सम्मान निधि रुपये दिया गया। रफीक सतनवी ने प्राप्त सम्मान निधि को शब्द शिल्पी परिवार को उज्जवल साहित्य सेवा में योगदान हेतु प्रदान किया। उपस्थित शायर साहित्यकार, जगदीश तिवारी,गोरखनाथ अग्रवाल, पुरनम सुल्तानपुरी, अरुण मिश्र, ऋषिकेश गुप्ता, एस.एल.प्रजापति, ने उमाकान्त निगम सहज की के व्यतित्व कृतित्व पर विचार व्यक्त किये। जगदीश तिवारी ने कहा कि सहज जी जाने माने गणित के विशेषज्ञ थे, अरुण मिश्र ने कहा कि उनकी गज़ले और गीत आम जन की बात करती है। मयंक अग्निहोत्री, गोरखनाथ अग्रवाल, ऋषिकेश गुप्ता, एस.एल.प्रजापति ने सहज की से जुड़े हुए प्रसंगों पर बात रखी। रफीक सतनवी ने कुनाल बरकड़े ने अपनी उम्दा ग़ज़लें सुनाई। जगदीश तिवारी ने दोहे, पुरनम सुल्तानपुरी, एस.एल.प्रजापति ने शेरो शायरी पढ़ा। अंत में सहज जी के परिवार से अंकुर निगम, अंकुश निगम, शशिकांत निगम प्रतीक श्रीवास्तव ने सभी आए हुए अतिथि साहित्यकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर हर्षवर्धन सिह, अंबिका पांडेय अंशु और आकार कुशवाहा भी उपस्थित रहे। सभी का आभार अनिल अयान ने व्यक्त किया।