बागड़ प्रदेश के बांसवाड़ा में गोविंद गुरु के सानिध्य में पाई थी तरक्की भीलों ने उनके अथक प्रयास से छोड़ दी थी सारी बेतुकी और बर्बादी की आदतें शराब, जुआं, चोरी और मवेशी खाना गांव-गांव पैदल चलकर करते थे सभा… Read More
![Mangarh Dham](https://sahityacinemasetu.com/wp-content/uploads/2024/01/mangarh-dham.jpg)
बागड़ प्रदेश के बांसवाड़ा में गोविंद गुरु के सानिध्य में पाई थी तरक्की भीलों ने उनके अथक प्रयास से छोड़ दी थी सारी बेतुकी और बर्बादी की आदतें शराब, जुआं, चोरी और मवेशी खाना गांव-गांव पैदल चलकर करते थे सभा… Read More
जंगल में जब टेशू और महुआ खिलते हैं तब सुनाई देती है फाल्गुन की आहट मालवा निमाड़ धरा पर और भगोरिया पर्व की उमंग मिलने को आतुर पिया संग निकले घर से सजकर अपनी पीड़ाओं को तजकर रंग बिरंगी पोशाक… Read More
सुबह राबड़ी का कलेवा करके निकले हैं घर से जोरू और मोहरू ऊंट को पैदल लेकर जंगल में । छोंकड़ा के पेड़ों में उल्टे लटक रहे हैं सींगर हरी हरी लूम के साथ ज्यादा ऊंचाई होने से ऊंट के मुंह… Read More
इंदौर (मप्र)। हिंदी बहुत ही वैज्ञानिक भाषा है। हमें अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए।भारतीय साहित्य बहुत ही समृद्ध है। इसी समृद्ध परंपरा को हमें अपनी नई पीढ़ी को हस्तांतरित करना चाहिए। यह कुछ पढ़कर और कुछ लिख कर हो… Read More
गली-गली में घूमते… शराफ़त का मुखौटा लगाए कभी सहायक बनकर कभी खास बनकर। उठाते मजबूरी का फायदा नौकरी, धन और प्रेम का झांसा देकर। नजरों में कच्चा खा जाने की प्यास मन में हवस का अरमान लिए करते हैं रतिभरा… Read More
गांव से दूर एकांत में खड़ा है पेड़ गूलर का इसके हरे हरे पात लेकर आते हैं नई नई सौगात इसकी शाखाओं और तने में खरोंच करने से निकलता है खून की धार की तरह सफेद दूध जिसके सुखाने से… Read More
सुरेश चंद्र कृत नाटक ‘ मन्दिर से अस्पताल ‘ पर हरिराम द्वारा संपादित पुस्तक ‘मन्दिर से अस्पताल : मूल्यांकन के विविध आयाम’ का लोकार्पण समारोह का आयोजन दिनांक 19 अगस्त 2023 को सिजुआर भवन , मंगला गौरी रोड, नारायण चूआ… Read More
श्रम की मूरत, छली गई है अलग अलग के दौर में जब संकट आया भू, पर मलाई उड़ाई किसी और ने छलिया है चालाक बहुत पल में गुस्सा पल में आँसू हँस- हँसकर बातें करता अंदर बाहर में चेहरा लटका… Read More