कहानी शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त अनियमता अनैतिकता अराजक व्यवस्था पर प्रहार करती है और सन्देश देती है कि किसी भी देश राष्ट्र समाज देश में शिक्षा कि बुनियाद यादि निष्पक्ष मजबूत ईमानदार सामाजिक कल्याणकारी व्यवस्था नहीं है तो राष्ट्रीय समाज… Read More
लेख : बेटी
कहानीकार ने भारतीय समाज में बेटियो कि उपेक्षा भ्रूण हत्या बेटी बेटों में असमानता भ्रूण हत्या और उनके साथ हो रही ना इंसाफी को बड़े ही सजीव तरीके से इस कहानी के माध्यम से प्रस्तुत किया है ।साथ ही साथ… Read More
लेख : संवेदनाओं के फलक पर
भारत के माध्यम बर्गीय परिवार कि है जिसमे पति के न रहने के बाद उसकी अमानत उसकी संतानो कि परिवरिश और गिरते नैतिकता के समाज में स्वयं और पति के धरोहरों रक्षा कर पाना विधवा के लिये चुनैति और जीवन… Read More
लेख : वेदनाओं के फलक पर
भारत के माध्यम बर्गीय परिवार कि है जिसमे पति के न रहने के बाद उसकी अमानत उसकी संतानो कि परिवरिश और गिरते नैतिकता के समाज में स्वयं और पति के धरोहरों रक्षा कर पाना विधवा के लिये चुनैति और जीवन… Read More
लेख : चहेती
निश्चित रूप से सयुक्त परिवारों में जिन बच्चों का जन्म होता है और लालन पालन होता है उन्हें जीवन समाज रिश्तों कि कीमत भाव भावना का अनुभुव अनुभूति से साक्षात्कार होता है सयुक्त का तात्पर्य ही होता है एक दूसरे… Read More
लेख : पुजारिन
साहित्य को बचपन युवा और प्रौढ़ कि जीवन यात्रा के रूप में समाज राष्ट्र में भाष भाव के समन्वय और और सामाजिक परिपेक्ष्य में रिश्तों में उसके महत्व को समझने में कहानीकार डॉ पालरिया का कोई जोड़ नहीं है डस्टबिन… Read More
लेख : रिश्तों का इंद्र धनुष
समाज में रिश्तों के बनते बिगड़ते आयाम और उसमे बिभिन्न मानवीय सम्बदनाओं को आज के स्पष्ट और भौतिकतवादी युग में उतार चढ़ाव कि मार्मिकता और कठोरता के सापेक्ष एक प्रयोगिग सत्य सन्देश यह कहानी देती है जहा व्यक्ति का स्वार्थ… Read More
लेख : खूबसूरत मन
खूबसूरत तन महत्व्पूर्ण है या खूबसूरत मन मूल्यवान खूबसूरत मन ईश्वर द्वारा प्रदत्त विरासत है जो प्राणी को सांसों धड़कन के शारीरिक अस्तित्व के अहंकार से अभिभूत कर आचरण कि संस्कृति संस्कार से बिमुख कर जीवन को भौतिकता के चकाचौध… Read More
लेख : फीड बैक
आज के दो महत्व्पूर्ण व्यवसाय कि जीवनशैली और उसके परिणाम को भारतीय पृष्ठ भूमि में तुलनात्मक अभिव्यक्ति जो समाज के नौजवान के लिये ख़ासा विस्मयकारी सन्देश देती है दो विपरीत पृष्ट भूमि के व्यक्तियों कि मित्रता जीवन के प्रारम्भ से… Read More
समीक्षा : सौतेला
अनुपमा अरबिंद कि दूसरी पत्नी जिसे अरबिंद की पहली पत्नी के पुत्र विनम्र से कोई आत्मीय लगाव नहीं है उसका विश्वास है कि विनम्र के रगों में उसके पति का तो लहू प्रवाहित हो रहा है मगर साथ ही साथ… Read More