हिंदी साहित्य में विमर्शों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इससे समाज की दबी हुई आवाज आम जनता तक दस्तक दे रही है। इन विमर्शों में आदिवासी और दलित की आवाज का शोर दूर तक लोगों को प्रभावित कर रहा है। दलित… Read More

हिंदी साहित्य में विमर्शों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इससे समाज की दबी हुई आवाज आम जनता तक दस्तक दे रही है। इन विमर्शों में आदिवासी और दलित की आवाज का शोर दूर तक लोगों को प्रभावित कर रहा है। दलित… Read More
दिनांक 15/04/2025 को काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी के हिन्दी विभाग के रामचंद्र शुक्ल सभागार में विभागाध्यक्ष प्रो. वशिष्ठ अनूप के संरक्षण में डॉ. सुनील कुमार शर्मा के ग़ज़ल संग्रह ‘तीरगी में रौशनी’ पुस्तक का लोकार्पण संपन्न हुआ। जिसमें देश भर… Read More
दलित स्त्री केंद्रित कहानियाँ : स्वप्न, संघर्ष और यथार्थ का ताना-बाना साहित्य लेखन की आरम्भिक विधा कविता रही। कविता हो या कथा, पाश्चात्य हो या भारतीय, पुरुष लेखकों की रचनाओं में चित्रित ‘स्त्री छवि’ पर सहानुभूति और स्वानुभूति के आलोक… Read More
इतिहास के पन्नों में विनायक दामोदर सावरकर का नाम भारतीय राजनीति के परिप्रेक्ष्य में काफी चर्चा का विषय रहा है। राजनीतिक दलों ने अपने अपने अनुसार वीर सावरकर को समझने का प्रयास किया है। किसी ने स्वतंत्रता आंदोलन में एक… Read More
गाँव, गरीबी, किसान, खेतीबाड़ी और ग्रामीण जीवन की दुश्वारियाँ, स्त्रियों की विडंबनाएँ, उनके पहाड़ों से दर्द, सामंती सोच के प्रेतों की क्रूरताएँ व करगुजारियों आदि विसंगतियों – विद्रूपताओं को ध्वस्त करने की अदम्य जिजीविषा लेकर आई है युवा लेखक कुशराज… Read More
भारत के माध्यम बर्गीय परिवार कि है जिसमे पति के न रहने के बाद उसकी अमानत उसकी संतानो कि परिवरिश और गिरते नैतिकता के समाज में स्वयं और पति के धरोहरों रक्षा कर पाना विधवा के लिये चुनैति और जीवन… Read More
भारत के माध्यम बर्गीय परिवार कि है जिसमे पति के न रहने के बाद उसकी अमानत उसकी संतानो कि परिवरिश और गिरते नैतिकता के समाज में स्वयं और पति के धरोहरों रक्षा कर पाना विधवा के लिये चुनैति और जीवन… Read More
आज के दो महत्व्पूर्ण व्यवसाय कि जीवनशैली और उसके परिणाम को भारतीय पृष्ठ भूमि में तुलनात्मक अभिव्यक्ति जो समाज के नौजवान के लिये ख़ासा विस्मयकारी सन्देश देती है दो विपरीत पृष्ट भूमि के व्यक्तियों कि मित्रता जीवन के प्रारम्भ से… Read More
अनुपमा अरबिंद कि दूसरी पत्नी जिसे अरबिंद की पहली पत्नी के पुत्र विनम्र से कोई आत्मीय लगाव नहीं है उसका विश्वास है कि विनम्र के रगों में उसके पति का तो लहू प्रवाहित हो रहा है मगर साथ ही साथ… Read More