अरे! राम – राम….. बड़ी दुःखद खबर है। आज भुनसारें साढ़े चार बजे कछियाने के किसान महेंद्र सिंह कुशवाहा नहीं रहे। पूरा बलदेवपुरा गाँव इन्हें ‘महिन्द कक्का’ कहकर पुकारता है। छप्पन साल की उमर में स्वर्ग सिधारे हैं महिन्द कक्का।… Read More
![story antim sanskaar](https://sahityacinemasetu.com/wp-content/uploads/2024/01/kahni-antim-sanskar.jpg)
अरे! राम – राम….. बड़ी दुःखद खबर है। आज भुनसारें साढ़े चार बजे कछियाने के किसान महेंद्र सिंह कुशवाहा नहीं रहे। पूरा बलदेवपुरा गाँव इन्हें ‘महिन्द कक्का’ कहकर पुकारता है। छप्पन साल की उमर में स्वर्ग सिधारे हैं महिन्द कक्का।… Read More
श्यामू पंडितजी का शूरपुरा गॉंव में सिक्का चलता है। गांव में ही नहीं; पूरे मौजे में कथा वाचते हैं, विवाह पढ़ते हैं और सारे पंडिताई के काम – काज करने के साथ – साथ खेती भी करते हैं। पंडित जी… Read More
अजय कम्बल में दबे – दबे व्हाट्सएप पर सपना से चैट कर रहा है। बगल में गर्लफ्रैंड सीमा लेटी हुई है। रात में ज्यादा थक जाने से वह गहरी नींद में सो रही है और अजय दूसरी का शिकार करने… Read More
रीना भोर अपने आँगन में झाडू लगा रही थी। नाटे और गोरे बदन पर फटी – पुरानी साड़ी पहने, कड़ाके की ठण्ड से रोम – रोम खड़े हो रहे थे और वह मैला – कुचैला हल्का साल ओढ़े रोजाना का… Read More
उतरत दिसंबर की भोर अम्मा ने साक्षी को जगाते हुए बड़े लाड़ – प्यार से कहा – ” उठो बिन्नू! उठो! मुहल्ला के सारे मौड़ी – मौड़ा जग गए हैं। का तुमें उठने नईंयांँ ? जितेंद्र सर की टूशन की… Read More
आज 3 जनवरी को भारत की पहली महिला शिक्षिका, महान समाज सुधारिका, मराठी की पहली कवयित्री, भारतीय नारीवादी आंदोलन की सूत्रधार, स्त्रियों को मुक्ति की राह दिखाने वाली महामहिला, राष्ट्रमाता पूजनीया किसानिन सावित्रीबाईफुले की जयंती है। सावित्रीबाई फुले की जयंती… Read More
नई साल की राम-राम। नई साल की राम-राम।। सब करो नई उम्मीदों से काम, कोई न बनो काम हराम। सब करो शुरू उम्दा काम, कोई न बनो काम हराम। नए काम की राम-राम। नई साल की राम-राम।। सब गरीबी-अमीरी;ऊँच-नीच; जाति-पाति… Read More
गाँव, गरीबी, किसान, खेतीबाड़ी और ग्रामीण जीवन की दुश्वारियाँ, स्त्रियों की विडंबनाएँ, उनके पहाड़ों से दर्द, सामंती सोच के प्रेतों की क्रूरताएँ व करगुजारियों आदि विसंगतियों – विद्रूपताओं को ध्वस्त करने की अदम्य जिजीविषा लेकर आई है युवा लेखक कुशराज… Read More
तुम औरें मारत रए भैंकर मार और मार रए अबै भी धीमें – धीमें सें धरम, जात, करजा और कुरीतयंन में बाँधकें अंदबिस्बास, जुमले और बेकार कानून बनाकें पढ़ाई – लिखाई सें बंचित करकें लूटत रए हमें पर अब हम… Read More
जिंदगी में दोस्ती बहुत जरुरी है। सच्ची दोस्ती जिन्दगी को बना देती है और कपटी दोस्ती बनी हुई जिन्दगी को मिटा देती है। आजकल सच्ची दोस्ती होना बड़ा मुश्किल हो गया है। सच्चे दोस्त बड़ी मुश्किल और बहुत देर से… Read More