भारत देश एक बहुभाषायी और बहुसांस्कृतिक देश है। यहाँ तकरीबन 19500 मातृभाषाएँ बोली जाती हैं। लेकिन भारत की जनगणना 2011 के आँकड़ों के अनुसार 122 भाषाएँ ही ऐसी हैं जो दस हजार से ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाती हैं। देश… Read More
लेख : मेरे सपनों का समाज
समाज में सच्ची दोस्ती लड़कों के बीच, लड़कियों के बीच होती है और लड़का – लड़की के बीच भी। लड़का – लड़की की दोस्ती ज्यादा सच्ची होती है। इस दोस्ती को लोग सच्चे प्यार का नाम देते हैं। मेरी दोस्ती… Read More
लेख : पर्यावरण, मुँह के छाले और बुंदेलखंडी नुख्से
पिछले 4-5 दिनों से हमें बेजोड़ गर्मी से मुँह में बहुत ज्यादा छाले हो गए हैं क्योंकि आजकल हम संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के प्रोजेक्ट पर काम कर रहें हैं और भयंकर गर्मी में भी झाँसी जिले के गाँवों और… Read More
कविता : लिख तूँ लिख
लिख तूँ लिख, सबकी सच्चाई लिख। सच लिखने में डरना मत, असली बकने में झिझकना मत। बेईमान तोय दबायेंगे, तूँ हरहाल में दबना मत। मौत से कभी डरना मत, काय मौत के बाद, फिर से जनम मिलता है। ईसें यी… Read More
भारत में किसानों को उनके परिश्रम का फल कब मिलेगा?
जबसे इस धरती पर जीवन की उत्पत्ति हुई है, तब से किसान खेती करके खाद्य-सामग्री उत्पादित कर रहे हैं। यानी किसान ही सारी दुनिया के लिए भोजन हेतू खाद्यान्न, फल, सब्जियां और चारे का उत्पादन करते आ रहे हैं। इन… Read More
कविता : सब समान हो
चाहे हो दिव्यांगजन, चाहे हो अछूत, कोई ना रहे वंचित सबको मिले शिक्षा कोई ना मांगे भिक्षा। दुनिया की भूख मिटाने वाला, किसान कभी ना करे आत्महत्या। किसी पर कर्ज़ का ना बोझ हो सबके चेहरे पर नई उमंग और… Read More