likh

लिख तूँ लिख,
सबकी सच्चाई लिख।
सच लिखने में डरना मत,
असली बकने में झिझकना मत।
बेईमान तोय दबायेंगे,
तूँ हरहाल में दबना मत।
मौत से कभी डरना मत,
काय मौत के बाद,
फिर से जनम मिलता है।

ईसें यी जनम तूँ डर गया,
तो खुदको भी माफ नहीँ कर सकेगा।
लिख तूँ लिख,
सबकी सच्चाई लिख…।।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *