नई साल की राम-राम।
नई साल की राम-राम।।
सब करो नई उम्मीदों से काम,
कोई न बनो काम हराम।
सब करो शुरू उम्दा काम,
कोई न बनो काम हराम।
नए काम की राम-राम।
नई साल की राम-राम।।
सब गरीबी-अमीरी;ऊँच-नीच;
जाति-पाति को भूल आकर गले मिलो,
सब कमल के पुष्प जैसे खिलो।
हिय से गम को हटा दो,
मन को अपार खुशी से भरा दो।
नई साल का ‘कुशराज’ है ये पैगाम।
नई साल की राम-राम।।
सबसे प्रेम करो-दुलार करो,
किसी से भी न बैर करो।
सबसे मित्रवत् व्यव्हार करो,
नई बात करो-नए काम करो।
नई साल का ‘कुशराज’है ये पैगाम।
नई साल की राम-राम।।
कभी मत करो खुद पर अभिमान,
सबको समझो एक समान।
सब करो शुरू नए काम,
नई साल की राम-राम।
नई साल का ‘कुशराज’ है ये पैगाम।
नई साल की राम-राम।।