जीवन मूल्यों परस्पर भावनाओं और उसकी परिस्थिभूमि परिणाम का सजीव चित्रण कहानी का सशक्त पक्ष है एकाकी प्रज्ञा देवी का पति के तस्वीर से वार्तालाब और सम्पूर्ण जीवन के लम्हों को दमन में समेटे रख उसे ही जीवन का आधार… Read More
पद्य : एक उस भगवन
मन-मग रहत , बस एक उलझन । हदय बस तब , चयन उस भगवन । जतन जब सरजन , अब अनवरत अर अनवरत । जग-जन चमन सद, बढ़त बस बरकत । ईश ,असलम , धन-धन ,सत-मदद । इस , उस… Read More
वंदना : शुभ्रकमल सिंहासना
तू स्वर की देवी, माँ वीणापाणि, शुभ्रकमल सिंहासना । ममतामयी मूरत ,बुद्धि की सूरत , प्रेम पूरण प्रति प्रेरणा । ‘अजस्र ‘ तेरे चरणों में बैठा , कर जोड़े, करता माँ वंदना , ये वंदना ,ये वंदना । तू स्वर… Read More
लेख : एक थी श्रद्धा
एक थी श्रद्धा माता-पिता दुलारी गई भटक रिश्ता भी धोखा दिल टूटा श्रद्धा का केवल पीड़ा ना वो आजादी मां-बाप बिन शादी गत श्रद्धा की ना प्रेम पला ना रहा लिव-इन जग-हसाई न रहा प्यार केवल व्यभिचार श्रद्धा व ताब… Read More
समीक्षा : नशे की गिरफ्त में युवा
भारत युवाओं का देश है, और दुनिया की सबसे तेजी से उभरती शक्ति है लेकिन एक तरह से शक्ति का सबसे अधिक दुरुपयोग करने वाला देश भी। देश की आजादी के वक्त भी इतनी अराजकता नहीं रही होगी जितनी 21वीं… Read More
समीक्षा : स्त्री परिधि के बाहर
‘स्त्री परिधि के बाहर’ उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जनपद सोनभद्र की रहने वाली डॉ. संगीता की 2021 में प्रकाशित आलोचनात्मक पुस्तक है। इस पुस्तक में उन्होंने हिंदी साहित्य में स्त्री आत्मकथा का विवेचन व विश्लेषण किया है तथा हिंदी साहित्य… Read More
लेख : बाल श्रम
आओ मिलकर हम सब सुंदर भारत का निर्माण करें…. किसी बच्चे का दामन न छूटे अपने बचपन से रोंदे न कोई उसके सपनों को बाल श्रम के घन से कोई छीने न इनसे इनका भोलापन फिर न कोई छोटू मज़बूर… Read More
पुस्तक समीक्षा : अथर्वा मैं वही वन हूँ
पुस्तक : अथर्वा मैं वही वन हूँ लेखक : आनंद कुमार सिंह प्रकाशक : नयी किताब प्रकाशन, दिल्ली समीक्षक : विनोद शाही मानव जाति का भविष्य कविता में है “अपरा विज्ञानों के महाविकास के फलस्वरूप यहाँ पर गद्यदेश का विकास… Read More
पुस्तक समीक्षा : आतंकवाद पर बातचीत
पुस्तक – आतंकवाद पर बातचीत सम्पादक द्वय – डॉ० पुनीत बिसारिया , रोनी ईनोफाइल प्रकाशक – यश पब्लिकेशंस, दिल्ली ISBN नंबर – 978-93-85689-80-2 प्रथम संस्करण – 2018 मूल्य – 695/- समीक्षक – तेजस पूनिया हाल ही में एक फिल्म रिलीज… Read More
फिल्म समीक्षा : शतरंज के खिलाड़ी 1977
शतरंज के खिलाड़ी प्रेमचन्द की वह कहानी है, जिसमें उन्होंने डलहौजी की हड़प नीति का शिकार बनते अवध की कहानी को दर्शाया है, जो अवध के नवाब वाजिद अली शाह के नेतृत्व में ऐशो आराम में बेफिक्र होकर सोया हुआ… Read More