manoj kumar

भारत की बात सुनाता हूँ : मनोज कुमार

हिंदी सिनेमा में जब भी देशभक्ति फिल्मों की बात आती है तो भारत कुमार यानि की मनोज कुमार का नाम ही सबके जुबां पर सबसे पहले आता है। 15 अगस्त हो या फिर 26 जनवरी जब तक मनोज कुमार के… Read More

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मूवी रिव्यू : पुष्पा नाम नहीं ब्रांड है

पुष्पा ढाई अक्षर नाम छोटा है मगर साउंड बहुत बड़ा। क्योंकि पुष्पा अब केवल नाम नहीं ब्रांड बन चुका है और बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड तोड़ने के लिए तैयार है। फुल एक्शन, ड्रामा, कॉमेडी, कल्चर और पारिवारिक इमोशन से… Read More

yogi udai pratap college

उदय प्रताप कॉलेज बनेगा विश्वविद्यालय : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने वाले और सुशासन के प्रतीक माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज उदय प्रताप कॉलेज के 115वें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कहा कि उदय प्रताप कॉलेज पूरे देश में शिक्षा… Read More

हिंदी दिवस

कविता : हिंदी

भारत के माथे  की  बिंदी भाषा बड़ी ही प्यारी हिंदी। सीख  रहे  विदेशी  हिंदी भूल  रहे  स्वदेशी  हिंदी। क्यों शरमाते बोल रहे हो गर्वित होकर बोलो हिंदी। सागर है अक्षर-अक्षर में गागर  में सागर है  हिंदी। लगे कुँवारी होके सुहागिन अपने… Read More

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नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया द्वारा तुलसी साहित्य प्रतियोगिता का आयोजन

नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया द्वारा दिनांक 8 अगस्त 2024 को तुलसी जयंती के उपलक्ष्य में तुलसी साहित्य पर आधृत प्रतियोगिता हुई। जिसमें बी.आर.डी. पीजी कॉलेज, संत विनोबा पीजी कालेज, महाराजा अग्रसेन इन्टर कालेज, महाराजा बालिका इंटर कालेज, एस एस बी… Read More

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पुस्तक समीक्षा : दलित स्त्री केंद्रित कहानियाँ

दलित स्त्री केंद्रित कहानियाँ : स्वप्न, संघर्ष और यथार्थ का ताना-बाना साहित्य लेखन की आरम्भिक विधा कविता रही। कविता हो या कथा, पाश्चात्य हो या भारतीय, पुरुष लेखकों की रचनाओं में चित्रित ‘स्त्री छवि’ पर सहानुभूति और स्वानुभूति के आलोक… Read More

radhe krishna

गीत : मैं किशना हो जाऊँ पिया

ऐसा रंग दे मोहे रँगरेज़ा, वृन्दावन हो जाऊँ पिया तू बन जाये राधा रानी, मैं किशना हो जाऊँ पिया। होली खेलें किशन मुरारी, भर भर मारें रंग पिचकारी सूखी देह रही ये सारी, भींग गयी सिगरी अँगियारी बाँह पकड़ के… Read More

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ग़ज़ल : औरत

उमर के साथ साथ किरदार बदलता रहा शख्सियत औरत ही रही प्यार बदलता रहा। बहिन, बेटी, बीबी, माँ, न जाने क्या क्या चेहरा औरत का दहर हर बार बदलता रहा। हालात ख्वादिनों के कई सदियां न बदल पाईं बस सदियाँ बदलती रहीं, संसार बदलता रहा।… Read More