nirala jayanti

रविवार को नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया के गांधी सभागार में दिनांक 11 फरवरी 2024 को परम्परा और आधुनिकता के सेतु महाकवि महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की जयंती के उपलक्ष्य में प्रथम सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन सभाध्यक्ष आचार्य परमेश्वर जोशी की अध्यक्षता में किया गया। काव्य गोष्ठी के मुख्य अतिथि आजमगढ़ के कवि व गीतकार श्री कौशल कुमार राय रहे। काव्य गोष्ठी के प्रारंभ से पूर्व मंचस्थ अथिति गण ने मंत्री डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी के साथ माँ वीणा पाणि के चित्र पर पूजन अर्चन किया। कवि दयाशंकर कुशवाहा ने निराला जी के प्रसिद्ध वंदना ‘वर दे वीणा वादिनि वर दे’ को स्वर देकर गोष्ठी का शुभारंभ किया। तत्पश्चात युवा कवि विकास तिवारी विक्की ने पढ़ा ‘माँ सुनाती लोरियाँ चाँद से भी दूर हुईं रोटियाँ’ और वाहवाही लूटी। आगे छेदी प्रसाद गुप्त विवश ने ‘तेरा साथ निभाऊँगा पर मौसम जरा बदल जाने दो’ पढ़कर बेशुमार तालियाँ बटोरीं। क्रम को आगे बढ़ाते हुए कवि सन्तोष कुमार ‘सूर्य’ ने ‘शान्ति का बीज सदा बोता हूँ चुपके चुपके मैं रो लेता हूँ’ व्यंग्य रचना पढ़कर सबको लोट-पोट कर दिया। आगे नई कवयित्री क्षमा श्रीवास्तव ने ‘एक दिन का प्यार नहीं वर्षों का उत्सव है साथ और साथी का हर दिन महोत्सव है’ पढ़ कर समां बाँधा। मुख्य अतिथि कौशल कुमार राय ने अपनी रचना ‘सखि आई बसंत बहार, कोइलियां बोलन लगी’ शास्त्रीय स्वर में पढ़कर श्रोताओं को सम्मोहित कर दिया। इसके बाद आमंत्रित कवियों ने विभिन्न रसों में एक से बढकर एक रचनाओं का पाठ करके माहौल को रस सिक्त कर दिया जिनमें विनय कुमार पाठक, पार्वती देवी, लालता प्रसाद चौधरी, रत्नेश रतन, गोपलजी त्रिपाठी, विनोद पांडे, कीर्ति त्रिपाठी, अंजलि अरोड़ा, श्वेता राय, प्रार्थना राय, कौशल किशोर मणि, रामेश्वर तिवारी राजन, बद्री प्रसाद वर्मा अंजान, कवि ज्ञानींद्र मिश्र, मनोहर मिश्र, राधेश्याम गौड, ‘श्याम’, शैलेश त्रिपाठी ‘शैलेश’, रमेश सिंह दीपक, योगेन्द्र तिवारी योगी, सरोज कुमार पांडेय, उद्भव मिश्र, इंद्र कुमार दीक्षित, अंजनी कुमार उपाध्याय आदि ने अपनी समृद्ध रचनाओं से श्रोताओं को तालियों की गडगड़ाहट के बीच वाह! वाह! करने को विवश कर दिया। कवि गोष्ठी का सरस और सफल संचालन वरिष्ठ कवि सौदागर सिंह जी ने किया। इस दौरान शकुन्तला दीक्षित, दुर्गा पांडेय, मंजू त्रिपाठी, संयोजक संयुक्त मंत्री डॉ. सौरभ श्रीवास्तव, श्वेताँक मणि (करन त्रिपाठी), डॉ. दिवाकर प्रसाद तिवारी, बृजेन्द्र मिश्र, ओंकार नाथ पांडेय, कमल नयन चतुर्वेदी, डॉ. अभय द्विवेदी, डॉ. मधु सुदन मणि त्रिपाठी, सतीश चंद्र भास्कर, जितेन्द्र त्रिपाठी, रमेश चंद्र त्रिपाठी, गोपाल कृष्ण सिंह रामू, जज ब्रजेश पांडेय, सहित बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे।

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