saraswati vandana

माता विमला दो मुझे, बुद्धि विनय बल ज्ञान।
अमर कलम मेरी रहे, दो मुझको वरदान।। 

सरस्वती माँ से करूँ, इतनी सी फरियाद।
मेरे गीतों से करें, लोग मुझे बस याद।।

ज्ञानदा माँ दे मेरे, शब्दों में वो धार।
सच को मैं सच ही लिखूँ, बनूँ वो काव्यकार।।

ज्ञानदायिनी दे सदा, सबको तू उपहार।।
रहे सभी का एक-सा, शिक्षा पर अधिकार॥

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