देखा है जब से तुम्हें
दिल में हलचल होने लगी।
दिल की बैचेनी बहुत
ज्यादा बढ़ने लगी है।
आँखो में आँसू और
दिल में प्यार दिखने लगा।
शायद दिल में मोहब्बत का
अब दीप जल उठा।।
देखते ही देखते प्यार
उन से होने लगा।
दिल में मोहब्बत का
बीज अंदर जमाने लगा।
और फूल मोहब्बत का
अब खिलने लगा है।
कहने सुनने को बहुत है
पर कहने से डर रहा।।
हो अगर मोहब्बत तुम्हें
तो कदम बढ़ाओं तुम।
गुलाबी होठों की हंसी
अपनी दिखाओ तुम।
मन की बातों को तुम
अब जुबां से कह दो।
और अपनी मोहब्बत का
इज़हार कर दो तुम।।