मूल्य जीवन का संचालक होता है । सकारात्मक और नकारात्मक मूल्यों से हम संचालित होते हैं । जीवन को उसकी श्रेष्ठता के साथ जीने का एक जरिया और एक पक्ष दोनों मूल्य है । मूल्य मनुष्य में निहित मानवीय पक्ष… Read More

मूल्य जीवन का संचालक होता है । सकारात्मक और नकारात्मक मूल्यों से हम संचालित होते हैं । जीवन को उसकी श्रेष्ठता के साथ जीने का एक जरिया और एक पक्ष दोनों मूल्य है । मूल्य मनुष्य में निहित मानवीय पक्ष… Read More
तमाम संघर्षों के बीच भी ज़िदगी होती है। जब हम निराश, हताश और संघर्षों से टूटने लगते हैं तब कभी कभी लगता है कि जीवन बस हमारा इतना ही था। जीवन की शेष संभावनाएं स्वतः खारिज हो जाती है। ऐसे… Read More
ऊजे केरवा जे फरेला घवद से ओह पर सुगा मेडराय ओह पर सूगा मेड राय उजे खपरी जरईबे आदित के सूगा दिहले जुठिआई उजे मरबो रे सुगवा धनुष से सुगा गिरे मुरछाई….! इस गीत की महक से शुरू हुआ यह… Read More
रावण न होते तो राम भी कहाँ होते राजकुमार राम तो होते लेकिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम नहीं होते ! धर्म की विजय नहीं होती चक्रवर्ती सम्राट भले होते रावण राम की पहचान हुए मर्यादा की तरफ प्रस्थान हुए माता सीता… Read More
खामोशी हृदय की एक अवस्था और परिस्थिति की एक मांग भी होती है। कभी कभी खामोशी वो भी कह देती जो शोर नहीं कह पाता। खामोशियों की भी अपनी जबान होती है जो हर किसी को समझ नहीं आती। कभी… Read More
स्वतंत्रता इस संसार में सबको प्रिय है । हर जीव इसी आस और यतन में रहता है कि वह स्वतंत्र रहे । अधिकतर यह देखा जाता है कि स्वतंत्रता की चाह जब अधिक हो जाती है तो वह उसके ऊपर… Read More
भोजपुरी भाषा-भाषी क्षेत्र अर्थात उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल और बिहार के लगभग आधे हिस्से में तरह-तरह के गीतों का प्रचलन देखने को मिलता है, इन्हीं गीतों में से एक गीत सोहर भी है । कुछ लोग परिचित होंगे कि यह… Read More
सही और ग़लत के बीच भी बहुत कुछ ऐसा होता जिससे परिस्थितियों का निर्माण होता है । सही कोई क्यो है ? जितना महत्वपूर्ण यह प्रश्न है उतना ही महत्वपूर्ण इसका जवाब भी तलाशना होता है कि कोई गलत क्यों… Read More
नई शिक्षा नीति में बहुत से परिवर्तन लक्षित होते हैं । यह परिवर्तन समय की मांग भी थी क्योंकि 1986 के उपरांत बहुत सी स्थितियां बदली है जिससे हमारे शिक्षा नीति में भी परिवर्तन की मांग मुखर होने लगी थी… Read More
जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि उत्तर दिसि बह सरजू पावनि। जा मज्जन ते बिनहिं प्रयासा मम समीप नर पावहिं बासा।। ऐतिहासिक होगा। कल का दिन। इस राष्ट्र के इतिहास में प्रभु श्री राम। हिन्दू धर्म के आधार स्तंभ हैं। कितने वर्षों… Read More