“जय श्रीराम शुक्लाजी, कहाँ से लौट रहे हैं इतनी गर्मी में? आसमान स आग बरस रही है और आप स्कूटर घर में रखकर साइकिल भांज रहे हैं। काहे बचा रहे हैं इतना पैसा” मैंने उन्हें अभिवादन करते हुए उन्हें शब्दों… Read More
व्यंग्य : भीतर की घंटी
बात उन तरुणाई के दिनों की है, जब मैंने शादी के लिए विज्ञापन निकलवाया था क्योंकि उन दिनों मैं “वर” हुआ करता था। मुझे बचत करने वाली कन्या चाहिए थी। मुझे सफलता मिली। एक कन्या का शीघ्र और गजब का… Read More
व्यंग्य : तुमको याद रखेंगे गुरू
“आइए महसूस कीजिये पब्लिसिटी के ताप को, मैं फिल्मवालों की गली में ले चलूंगा आपको” तो ख़्वातीनो हजरात मायानगरी की इस चमक-दमक से भरी दुनिया की सैर में आपका खैर मकदम है। इस रुपहली और मायावी दुनिया का एक बेफिक्र… Read More
व्यंग्य : शुभकामनाओं की सुनामी
लोगों को इस साल में भले ही कुछ नयापन नजर न आ रहा हो, हमें तो मौजा ही मौजा ही दिख रहा है । चुनावी साल है तो जनता जनार्दन की बल्ले -बल्ले रहने वाली है । व्यंग्यकार को चिकोटी… Read More
व्यंग्य: कुदरत का निजाम
पाकिस्तान की एक रिपोर्टर कुदरत बलोच ने वहां के निवर्तमान कप्तान बाबर आजम से पूछा – “ अब आप कप्तान नहीं रहे, ये कैसा कुदरत का निजाम है “ ? बाबर – “देखें जी कुदरत ये निजाम नहीं आजम है।… Read More
व्यंग्य : पबजी–लव जी
कारगिल युध्द के बाद भारत के अनमोल रत्न सचिन तेंदुलकर ने कहा था कि… “जब देश की सीमा पर हमारे जवान पाकिस्तान से युद्ध लड़ रहे हों तो, ऐसे समय में पाकिस्तान से क्रिकेट खेलने का कोई मतलब नहीं है”।… Read More
व्यंग्य : खिड़की के बाहर का दृश्य…
गुलाब के फूलों में लगे काले कीड़ों के मुँह से गन्दी गालियाँ सुनाई दे रही थी। दिन के अँधेरे में बग़ीचे में लगे विशालकाय वृक्ष में रहने वाले पक्षी, अपने-अपने घोंसलों में आग लगा चुके थे। आग की हरी लपटें… Read More
व्यंग्य : फिजेरिया
“सूट पहन के , लगा के चश्मा कहाँ चले ओ मतवाले , गिटपिट इंग्लिश बोल रहे हो हिंदी की गले में तख्ती डाले” मैंने यूँ ही पूछा? “चले हम फीजी ,हिंदी के लिये जल मत ओ बुरी नजर वाले पूछा… Read More
व्यंग्य : मैं व्यंग्य समय हूँ
तो हस्तिनापुर के समीप इंद्रप्रस्थ जो कि अब दिल्ली के नाम से जाना जाता है , यही मेरे व्यंग्य का खांडव वन रहा है ।अब व्यंग्य के कई अर्जुन मेरे इस खांडव वन अर्थात व्यंग्य लोक को जलाने पर आतुर… Read More
व्यंग्य : इंग्लिश पप्पू
पाकिस्तान के भूतपूर्व गृहमंत्री शेख रशीद दक्षिण एशिया की राजनीति में मनोरंजन के प्रमुख साधन माने जाते रहे थे , ये हजरात वही हैं जो इंडिया पर पाव किलो वजन के परमाणु बम मारने की धमकी दिया करते थे। जब… Read More