गीत के बोल आज के समय में उन धनकुबेरों पर बिल्कुल सही बैठता है, जो अपनों को आज कौन, क्या, कब लेकर चला जायेगा कह नही सकते। कोई किसी के मन को ले गया तो वहाँ भी राजनीति थी, अब… Read More
व्यंग्य : डाल डाल की दाल
“दाल रोटी खाओ, प्रभु के गुण गाओ” बहुत बहुत वर्षों से ये वाक्य दोहरा कर सो जाने वाले भारतीयों का ये कहना अब नयी और मध्य वय की पीढ़ी को रास नहीं आ रहा है। दाल की वैसे डाल नहीं… Read More
व्यंग्य : ऊंची नाक का सवाल
इस दौर में जब देश में बाढ़ का प्रकोप है तो नाक से सांस लेने वाले प्राणियों में नाक एक लक्ष्मण रेखा बन गयी है, पानी अगर नाक तक ना पहुंचा तो मनुष्य के जीवित रहने की संभावना कुछ दिनों… Read More
व्यंग्य: हँसी
टी.वी पर इंडिया के शीर्ष डॉक्टर्स का इंटरव्यू आ रहा था और उन सबने एक मत से जो एक वाक्य बोला वो ये था कि अगर स्वस्थ रहना चाहते हैं तो जितना हो सके उतना ज्यादा हँसें, खुश रहें। हँसने… Read More