रामलला घर आयेंगे एक दिन, आस लगाये पंथ निहारे
तकते व्याकुल राहें राम की, नैना बिछाए देहरी बुहारे
निकट आ गई घड़ी सखी री, रामलला फिर घर आयेंगे
हर घर सजे अयोध्या जैसा, राम अयोध्या धाम आयेंगे।
स्वागत की ऐसी तैयारी, एकटक देखे दुनिया सारी
दीप जलाओ खुशी मनाओ, रामचंद्र की आई सवारी
कोना कोना चमके जगमग, देवी देवता यक्ष आयेंगे
हर घर सजे अयोध्या जैसा, राम अयोध्या धाम आयेंगे।
रत्ती कसर रहे न बाकी, हर सूँ झाँकी रामलला की
ऐसा भव्य मनाना उत्सव, छवियाँ दीखें चंद्रकला की
ढोल, नगाड़े, साज, मंजीरे, राम नाम की धुन गायेंगे
हर घर सजे अयोध्या जैसा, राम अयोध्या धाम आयेंगें।
पग पग पे फूलों का बिछौना, तैरत सरयू दीपक दोना
कण कण पर खुशियों के मोती, हीरे मनके चाँदी सोना
जीवित जब तक धरा रहेगी, तृण तृण ख़ुद पे इतरायेंगे
हर घर सजे अयोध्या जैसा, राम अयोध्या धाम आयेंगे।