“रिमझिम के तराने लेकर आई बरसात” अगर कोई मुझसे पूछे कि तुम्हें कौन-सा मौसम सुहावना लगता है, तो मैं बिना समय गवाएं कह सकता हूँ कि मुझे तो सिर्फ़ बरसात का मौसम सुहाना लगता है। यह वह समय होता है… Read More
कहानी : हाँ, वह उसकी माँ है
गर्भवास का पिंड छुड़ाकर अभी-अभी तो वह बाहर आया है और आते ही बेहोश हो गया था। उसे नहीं मालुम कि वह कितने घंटे बेहोश पड़ा रहा। इस समय वह खुद एक चादर में लिपटा हुआ था। आंख खुलते ही… Read More
लेख : फ़िल्मों में राखी धागों का त्योहार
हमारा देश धर्मप्राण देश रहा है। आध्यात्मिक ऊर्जा यहां के कण-कण में समाविष्ट है। यहां के व्रत-नियमों का सम्बन्ध अध्यात्मदर्शन, देवदर्शन और निरामयता से जुड़ा हुआ है। इसलिए हमारे व्रत-उपवासों की सुदीर्घ परम्परा सदा से चली आयी है। वर्ष में… Read More
कहानी : भेड़िया
“तड़ाक” उसने एक जोरदार तमाचा उसके गाल पर जड़ दिया था। तमाचा जड़ने के साथ ही उसका पूरा शरीर क्रोध में कांप रहा था। आँखों में अंगारे दहक रहे थे। उसकी आवाज में बिजली-सी कौंध रही थी। वह किसी भेड़िए… Read More
भीष्म साहनी – एक सांस्कृतिक चेतना पुरूष
भीष्म साहनीजी के स्मरण मात्र से उनकी कालजयी रचना “तमस” की याद ताजा हो उठती है। इस उपन्यास का एक पात्र नत्थू, मुराद अली द्वारा पांच रूपये लेकर सुअर मारता है,परन्तु दूसरे दिन, वही सुअर केलेवाली मस्जिद के सामने पडा… Read More