banner jai shree ram

ग़ज़ल : राम नाम हर दिल मे बसा

राम हमारी संस्कृति हैं और राम हमारी भाषा हैं। राम हमारा गौरव हैं और राम ही अभिलाषा हैं।। राम – नाम हर दिल मे बसा हर जुबाँ पर उनकी गाथा है। राम हमारी साँसों मे मर्यादा की वो परिभाषा हैं।।… Read More

ayodhya ram mandir

कविता : श्रीराम मंदिर निर्णय

बिगाड़ने से भी नही बिगड़े अयोध्या के आवाम जो लिख चुके है सदियों से सदभाव का पैग़ाम कोशिश किया सभी ने मिलकर मुल्क़ के शैतान बन्द कर दिया अवध ने सियासत की सब दुकान , अब अमन का कारवां बहेगा… Read More

poem man me ram biraje

कविता : मन में राम विराजे

मन में राम विराजे, हर घर में श्री राम चरण हो, दुःख हरे पल भर में, हर घर में रामायण पाठ हो!! पल में कटे संकट सारे, ऐसा प्रभु का नाम हो, कोई दुःख पास ना आये, जब राम नाम… Read More

Shree Ram

गीत: श्री राम कथा

श्री राम कथा का करते हैं हम प्रेम से गुणगान सुणियो रै धर कै ध्यान 1 अवधपुरी के राजा दसरथ औलाद बिन लाचार हुये पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया था जिससे पुत्र चार हुये राम ,लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न सूंदर और होनहार हुये… Read More

ram temple ayodhya

कविता : जय श्री राम

देखो रामलला आये हैं, साथ में खुशियाँ लाये हैं।। 500 साल बाद अयोध्या में, सबके दुःख हरने आये हैं।। हे प्रभु करदो कृपा इतनी, दुःख,दर्द हर लो जल्दी।। केरोना भयंकर बीमारी को, कर दो इस देश से छुट्टी।। मेरे जीवन… Read More

ayodhya ram mandir bhumi poojan

मेरे राम आ रहे हैं अयोध्या पुरी में

जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि उत्तर दिसि बह सरजू पावनि। जा मज्जन ते बिनहिं प्रयासा मम समीप नर पावहिं बासा।। ऐतिहासिक होगा। कल का दिन। इस राष्ट्र के इतिहास में प्रभु श्री राम। हिन्दू धर्म के आधार स्तंभ हैं। कितने वर्षों… Read More

poem ye hawa le chal kahi

कविता : ऐ हवा ले चल कहि

ऐ हवा ले चल कहि, इस शोर से दूर कहि!! कड़वा है हर लहज़ा यहाँ, जहां हो मिठास कहि!! है यहाँ आपसी मतभेद, ना हो जहाँ बैर कहि!! ऐ हवा ले चल कहि, इस शोर से दूर कहि!! हर जगह… Read More

ghazal me pagal ho jau

ग़ज़ल : मैं अब पागल हो जाऊँ

इससे पहले कि मैं अब पागल हो जाऊँ। चाहता हूँ कि तुम्हारा काज़ल हो जाऊँ।। तू बरसती रहे मैं भीगता रहूँ मुसलसल, ग़र तू भीगती रहे तो मैं बादल हो जाऊँ।। मैं वो पत्थर भी नहीं कि जिसे चोट न… Read More

poem prem ke kpade aur shabd

कविता : प्रेम के कपड़े और शब्द

प्रेम के कुछ गंदे सने शब्दों को आंखों की बाल्टी में कुछ गर्म आँसुओं के साथ जब पूर्णतः भिगोकर दिल के पत्थर पर फ़ीचता हूँ और वह भी जब तक कि उसके चिथड़े न हो जायँ तब तक मुझे बेचैनी… Read More

poem last day in office

कविता : कार्यशाला से सेवानिवृत्ति

कर्मशाला से विदाई का अब समय आ गया। तो दिल की धड़कने बहुत तेजी हो गई। और अपनो के प्यार के लिए, दिल बहुत तड़पने लगा। साथ जिनके काम किया, अब उनसे विदा ले रहा हूँ। और अपनी नई जिंदगी… Read More