poem man me ram biraje

मन में राम विराजे, हर घर में श्री राम चरण हो,
दुःख हरे पल भर में, हर घर में रामायण पाठ हो!
!

पल में कटे संकट सारे, ऐसा प्रभु का नाम हो,
कोई दुःख पास ना आये, जब राम नाम गुणगान हो!!

नाम जपे हुनमत का, श्री राम पालनहार हो,
दया दृष्टि रखना प्रभु, तेरे नाम से मेरी नैय्या पार हो!!

सद्बुद्धि को बुद्धि दे, ऐसा प्रभु का ज्ञान हो,
नाम लो प्रभु श्री राम का, पल भर में हर काम हो!!

दया रखे प्रभु उसपे,मन में हनुमान का जाप हो,
भूत, पिशाच निकट ना आये,जब प्रभु हनुमान हो!!

प्रभु चरणों में आसरा दो, पीड़ा मेरी हरणकार हो,
तुमसे क्या माँगू प्रभु, तुम तो जगतपाल हो!!

मैं हूँ अज्ञानी,मूर्ख, भक्ति का मुझे कहां ज्ञान हो,
मीरा जैसी भक्ति हो, और भक्त जैसा हनुमान हो!!

देश के इतिहास में, ऐसा इतिहास कभी ना रचा हो,
स्वर्णिम अक्षर में लिखा जाए,आज का दिन ऐसा हो!!

प्रभु भी वश में होए,जाप का भाव कुछ ऐसा हो!!
झुठे बेर प्रभु उनके खाये, जो भक्ति में लीन हो!!

जय श्री राम !!

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