बिगाड़ने से भी नही बिगड़े अयोध्या के आवाम
जो लिख चुके है सदियों से सदभाव का पैग़ाम
कोशिश किया सभी ने मिलकर मुल्क़ के शैतान
बन्द कर दिया अवध ने सियासत की सब दुकान ,
अब अमन का कारवां बहेगा अपने मुल्क में
राम का मंदिर बनेगा मुसलमां के पसीना खून से
मस्ज़िद की बुनियाद भी रखेगा सब अब मिल के
अल्लाह और भगवान फिर मिलेंगे सबके दिल के ,
दोनों तरफ शैतान कुछ जो चाहते मिले ना दोनों
ये सियासी शैतान है,जो सिखाते नफ़रत सभी को
हर बात पर बिगाड़ते हैं माहौल ये सब मुल्क़ का
बात में आओ ना इनके मिल जाओ भूलकर इन सभी को ।।