poem shiv maha yogi

कविता : शिव महायोगी

शिव प्रकट हुआ योगी सा बैठा पर्वत की शिखर पर अनुचर समझें ज्योति ब्रह्म का, देखें समीप में उनकों जाकर ध्यानस्थ योगी कहलाया शिव रुद्र समस्त जगत में बना उद्धारक पीड़ित जन का, अपनें अनुचर के संगत में शिव प्रेमी… Read More

makarsnkarnti

कविता : मकर संक्रांति आई हैं

मकर संक्रांति आई हैं एक नई क्रांति लाई हैं निकलेंगे घरों से हम तोड़ बंधनों को सब जकड़ें हैं जिसमें सर्दी से बर्फ़ शीत की गर्दी से हटा तन से रजाई हैं मकर संक्रांति आई हैं एक नई क्रांति लाई… Read More

fasal

कविता : खेत छोड़ सड़कों पर बग़ावत की हैं

खेत छोड़ सड़कों पर बग़ावत की हैं किसानों ने संग्राम या सियासत की हैं, खेती किसानी का जो हाल ना जाने उसने भी इनके नाम हुकूमत की हैं, हमें छोड़कर बहकावें में यूँ ना जाओ फ़सलों ने किसानों से ज़ियारत… Read More

hindidiwas

लेख : हिंदी हैं हम

हिंदी हिंदुस्तान की बुद्धि और व्यवहार हिंदी हिंदुस्तान की भक्ति और सदभाव हिंदी के उदार उर में समाहित हैं सब भाषा भाव हिंदी हिंदुस्तान की मुक्ति और निर्वाण सबकों अपनें साथ लिए हिंदी चलती जाती हैं प्रगति के पथ पर… Read More

geeta

गीत : श्री गीता

वेदों का उपकार है गीता उपनिषदों का सार है गीता पढ़कर जीवन सफल हो जाये जीवन का आधार है गीता॥ भौतिकता से दूर है गीता अध्यात्मिकता की उर है गीता मानव चले गर गीता पथ पर विषाद का उसके संहार… Read More

yuva samman

युवा लेखक को मिला राष्ट्रीय समाज सेवा रत्न सम्मान -2021

*दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति और भारत रत्न नेल्सन मंडेला जी की स्मृति में राष्ट्रीय समाज सेवा रत्न सम्मान 2021 से देश की चुनिंदा शख्सियतों का हुआ सम्मान।* ब्यूरो। द ग्लोबल ह्यूमन राइट्स फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय समाज सेवा रत्न 2021 सम्मान… Read More

holi hooo

गीत : होली

सब हित मीत हमजोली हो प्यार इश्क़ की बोली हो ग़र मिल जाये भूले भटके तब समझो पर्व ये होली हो उसे हर रंग गुलाल अबीर हो सब अल्हड़ मस्त फ़क़ीर हो हर गम से दूर, कबीर हो ख़ुशियों से… Read More

makar sankranti

कविता : मकर संक्रांति आई है

मकर संक्रांति आई है एक नई क्रांति लाई है निकलेंगे घरों से हम तोड़ बंधनों को सब जकड़ें हैं जिसमें सर्दी से बर्फ़ शीत की गर्दी से हटा तन से रजाई है मकर संक्रांति आई है एक नई क्रांति लाई… Read More

maglesh

कविता : मंगलेश डबराल जी के याद में

कवि क़भी मरता नहीं हैं जिंदा रहता हैं हमेशा हरदम हरपल हर समय, तब तक जब तक यह सृष्टि रहतीं हैं, और रहता हैं बुद्धि विवेक समझ का राज्य प्रेम सौहार्द्र का वातावरण, तब तक रहता हैं जिंदा कवि लोगों… Read More

karwachuth

कविता : करवाँ चौथ

टकटकी नयनों को और मन को हैं विश्वास बेसबब सा छत पर कोई हो रहा बेकरार आज सुना आसमां भी ले रहा इम्तिहान हैं छुपा के अपनें अंक में,करवा रहा इंतजार, चाँद जैसे बादलों के बीच कहीं खो गया सितारों… Read More