शिव प्रकट हुआ योगी सा बैठा पर्वत की शिखर पर अनुचर समझें ज्योति ब्रह्म का, देखें समीप में उनकों जाकर ध्यानस्थ योगी कहलाया शिव रुद्र समस्त जगत में बना उद्धारक पीड़ित जन का, अपनें अनुचर के संगत में शिव प्रेमी… Read More
![poem shiv maha yogi](https://sahityacinemasetu.com/wp-content/uploads/2020/08/poem-shiv-maha-yogi.jpg)
शिव प्रकट हुआ योगी सा बैठा पर्वत की शिखर पर अनुचर समझें ज्योति ब्रह्म का, देखें समीप में उनकों जाकर ध्यानस्थ योगी कहलाया शिव रुद्र समस्त जगत में बना उद्धारक पीड़ित जन का, अपनें अनुचर के संगत में शिव प्रेमी… Read More
मकर संक्रांति आई हैं एक नई क्रांति लाई हैं निकलेंगे घरों से हम तोड़ बंधनों को सब जकड़ें हैं जिसमें सर्दी से बर्फ़ शीत की गर्दी से हटा तन से रजाई हैं मकर संक्रांति आई हैं एक नई क्रांति लाई… Read More
खेत छोड़ सड़कों पर बग़ावत की हैं किसानों ने संग्राम या सियासत की हैं, खेती किसानी का जो हाल ना जाने उसने भी इनके नाम हुकूमत की हैं, हमें छोड़कर बहकावें में यूँ ना जाओ फ़सलों ने किसानों से ज़ियारत… Read More
हिंदी हिंदुस्तान की बुद्धि और व्यवहार हिंदी हिंदुस्तान की भक्ति और सदभाव हिंदी के उदार उर में समाहित हैं सब भाषा भाव हिंदी हिंदुस्तान की मुक्ति और निर्वाण सबकों अपनें साथ लिए हिंदी चलती जाती हैं प्रगति के पथ पर… Read More
वेदों का उपकार है गीता उपनिषदों का सार है गीता पढ़कर जीवन सफल हो जाये जीवन का आधार है गीता॥ भौतिकता से दूर है गीता अध्यात्मिकता की उर है गीता मानव चले गर गीता पथ पर विषाद का उसके संहार… Read More
*दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति और भारत रत्न नेल्सन मंडेला जी की स्मृति में राष्ट्रीय समाज सेवा रत्न सम्मान 2021 से देश की चुनिंदा शख्सियतों का हुआ सम्मान।* ब्यूरो। द ग्लोबल ह्यूमन राइट्स फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय समाज सेवा रत्न 2021 सम्मान… Read More
सब हित मीत हमजोली हो प्यार इश्क़ की बोली हो ग़र मिल जाये भूले भटके तब समझो पर्व ये होली हो उसे हर रंग गुलाल अबीर हो सब अल्हड़ मस्त फ़क़ीर हो हर गम से दूर, कबीर हो ख़ुशियों से… Read More
मकर संक्रांति आई है एक नई क्रांति लाई है निकलेंगे घरों से हम तोड़ बंधनों को सब जकड़ें हैं जिसमें सर्दी से बर्फ़ शीत की गर्दी से हटा तन से रजाई है मकर संक्रांति आई है एक नई क्रांति लाई… Read More
कवि क़भी मरता नहीं हैं जिंदा रहता हैं हमेशा हरदम हरपल हर समय, तब तक जब तक यह सृष्टि रहतीं हैं, और रहता हैं बुद्धि विवेक समझ का राज्य प्रेम सौहार्द्र का वातावरण, तब तक रहता हैं जिंदा कवि लोगों… Read More
टकटकी नयनों को और मन को हैं विश्वास बेसबब सा छत पर कोई हो रहा बेकरार आज सुना आसमां भी ले रहा इम्तिहान हैं छुपा के अपनें अंक में,करवा रहा इंतजार, चाँद जैसे बादलों के बीच कहीं खो गया सितारों… Read More