कवि क़भी मरता नहीं हैं
जिंदा रहता हैं
हमेशा हरदम
हरपल हर समय,
तब तक
जब तक
यह सृष्टि रहतीं हैं,
और रहता हैं
बुद्धि विवेक समझ का राज्य
प्रेम सौहार्द्र का वातावरण,
तब तक रहता हैं
जिंदा कवि
लोगों की जुबां पर
सोच पर
समझ पर,
अपनें अल्फ़ाज़ से
अपनी कविताओं से
चिरस्मृति चिर अमर ।।