करते जो खुद पर विश्वास
रचते वे ही नया इतिहास…
बिना फल की इच्छा करे
कर्मों पर हो अटल विश्वास
धरती ही नहीं अंबर छू लेने का
जिनके मन में बुलंद अहसास
रचते वे ही नया इतिहास…
छोड़ उम्मीद दूसरों से
रखते खुद पर अटल विश्वास
नहीं रुकते किसी के कहने पर
डराता नहीं उन्हें कोई उपहास
कर अपने पर विश्वास
राह में मिलें चाहे फूल
चाहे कांटे
बिना रुके बिना थके
लक्ष्य पथ पर
बस आगे ही बढ़ने की बात
रचते वे ही नया इतिहास…
देख दूसरों को संकट में
सहारा जो उनका बनते
भूखा रहकर खुद
भूख दूसरों की मिटाते
खुद से पहले
देश की चिंता बताते
मातृ भूमि की रक्षा
करने को जो रहते
हर दम तत्पर ख़ास
रचते वे ही नया इतिहास…
लालच नहीं जिनके
मन में कुछ भी
झोपडी़ में रहकर भी
महल समान
सुख का जीवन बीताते
कर्मों पर कर विश्वास
जो अडिग रहे
उनका ही फैला प्रकाश
रचते वे ही नया इतिहास…।