betaiyan

कविता : बालिका दिवस

वो बागवां बेकार,जहाँ तितलियाँ ना हो वो कारवाँ हैं ख़ाक,जहाँ मस्कियाँ ना हो वह घर आँगन सुनसान हैं मसान के जैसे वो मकाँ क्या मकान,जहाँ बेटियाँ ना हो, आन बान शान की अभिमान बेटियाँ घर के काम काज की कमान… Read More

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कविता : हिंदी और हिंदुस्तान

हिंदी हिंदुस्तान की हैं बोली और पहिचान जिसमें जी और बढ़ रहा हैं सारा हिंदुस्तान हिंदी पर ही नाज़ हमारा सारा अभिमान हिंदी की अभिवादन से बढ़ रहा स्वाभिमान हमने  देखा हिंदी को अब देश के कोने-कोने में गर्व सभी… Read More

teachers day

कविता : शिक्षक दिवस

मनुष्य को अस्तित्व का एहसास जिससें होता हैं, मनुष्य को भविष्य का आभास जिससें होता हैं, भूत भविष्य वर्तमान का पहचान जिससें होता हैं, ओ ज्ञान धरा पर मनुष्य को एक शिक्षक से ही होता हैं। शिक्षक के सानिध्य में… Read More

khel

कविता : खेल

खेल में नहीं होता हैं कोई हिन्दू मुसलमान खेल में नहीं होता हैं ऊँचा नीचा महान खेल हैं सद्भावना मिल जाता हैं जिसमें सभी खेल में बन जाता हैं इंसान बस इंसान खेलने वालों ने दुनियाँ एक कर दी खेलकर… Read More

India-Pakistan partition

14 अगस्त अर्थात भारत-पाकिस्तान विभाजन और पाकिस्तान के निर्माण दिवस पर दिल के उदगार

पाकिस्तान:एक असफल देश पाकिस्तानी आँखों में क्युँ मानवता नही दिखती पाकिस्तानी हाथों में क्यूँ दानवता ही रहती भारत को मिटाने खातिर पाकिस्तान अब टूट रहा है पाकिस्तानी लोंगो में कोई समानता नहीं रहती , पाकिस्तान को टूटना होगा पाकिस्तान को… Read More

shree janmastami

कविता : श्री कृष्ण जन्म उत्सव

दूर करने को सभी विपदा कहीं से आ जाएं खो चुकी जो धरा सम्पदा देने कहीं से आ जाएं साध कर जियें अपना जीवन जिसकी तरह सभी जग को तारने वाले वो कृष्णा कहीं से आ जाएं, चेतना में आज… Read More

ayodhya ram mandir

कविता : श्रीराम मंदिर निर्णय

बिगाड़ने से भी नही बिगड़े अयोध्या के आवाम जो लिख चुके है सदियों से सदभाव का पैग़ाम कोशिश किया सभी ने मिलकर मुल्क़ के शैतान बन्द कर दिया अवध ने सियासत की सब दुकान , अब अमन का कारवां बहेगा… Read More