hindi

हिंदी हिंदुस्तान की हैं बोली और पहिचान
जिसमें जी और बढ़ रहा हैं सारा हिंदुस्तान
हिंदी पर ही नाज़ हमारा सारा अभिमान
हिंदी की अभिवादन से बढ़ रहा स्वाभिमान

हमने  देखा हिंदी को अब देश के कोने-कोने में
गर्व सभी अब कर रहा हैं खुद को हिंदी होने में
हिंदी में ही हिंदुस्तान की हरियाली मुस्कान हैं
हिंदुस्तान की बोली करता सपनें पूरी होने में

हिंदी की गोदी में जन्में ख़ुसरो और रसखान
हिंदी में ही जनम के हुए रहीम कबीर महान
सुर जायसी मीरा तुलसी हिंदी की आंगन के फूल
हिंदी की ख़ातिर ना जाने,हुए कितने बलिदान

पर्वतराज हिमालय भी हिंदी का अभिवादन करता
गंगा जमुना की तीरों का हिंदी ही अभिनन्दन करता
कश्मीर से केरल तक हिंदी हैं फैली विविध रूप में
हिंद महासागर भी अपने हिंदी का ही बंदन करता

सबकों अपने साथ लिए हिंदी चलती हैं पथ पर
फ़तह करें सब चाँद सितारें हिंदी का ही चरण छूकर
हिंदी बोले हिंदी सुनें हिंदी जाने तन मन से
हिंदी से भक्ति मुक्ति हैं, दुनियाँ देखें इसमें जीकर

हिंदी हिंदुस्तान की भाषा नही रियासत हैं
हिंदी हिंदुस्तान की विकास और सियासत हैं
हिंदुस्तान का जर्रा-जर्रा महक रहा हैं हिंदी से
हिंदी हिंदुस्तान की संस्कृति और विरासत हैं ।।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *