teachers day

मनुष्य को अस्तित्व का एहसास जिससें होता हैं,
मनुष्य को भविष्य का आभास जिससें होता हैं,
भूत भविष्य वर्तमान का पहचान जिससें होता हैं,
ओ ज्ञान धरा पर मनुष्य को एक शिक्षक से ही होता हैं।

शिक्षक के सानिध्य में व्यक्तित्व विकसित होती हैं,
शिक्षक के सानिध्य में ईश्वरत्व प्राप्ति होती हैं,
हर समय काल परिस्थिति का ज्ञान शिक्षक हैं,
भौतिकवादी दुनियाँ में जीनें का अधिमान शिक्षक होता हैं।

मोक्ष निर्वाण से परे जीनें का ज्ञान शिक्षक हैं,
आधुनिक दुनियाँ में रहनें का ज्ञान शिक्षक हैं,
जो बतलाये बदली दुनियाँ में अर्जन करने का आधार,
जो बतलाये जीनें रहनें चलनें फिरनें का व्यवहार।

ऐसे गुरु शिक्षक के सम्मान में सत सत शीश नवाऊँ मैं,
अपने इंसान तो बनने का सद गीत उसका गाऊँ मैं,
सानिध्य मिलें जीवन भर उसका बिनती मेरी अटल रहें,
मैं भी गुरु शिक्षक हो जाऊं,इच्छा मन में पलती रहें।

बनकर शिक्षक सा मैं भी तरल सरल इंसान बनू,
जिसमें जी रह जाये सब,वैसा यह ज़हान करूँ,
पाकर ज्ञान गुरु शिक्षक का मुझसें भी यह ज्योति जलें,
धर्म कर्म मर्म से जीने वालों का सबसें प्रीति मिलें।

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