देखो रामलला आये हैं,
साथ में खुशियाँ लाये हैं।।
500 साल बाद अयोध्या में,
सबके दुःख हरने आये हैं।।
हे प्रभु करदो कृपा इतनी,
दुःख,दर्द हर लो जल्दी।।
केरोना भयंकर बीमारी को,
कर दो इस देश से छुट्टी।।
मेरे जीवन की अरदास हैं,
5 अगस्त का दिन खास हैं।।
पालनहार हैं तू सबका,
तू ही जीवन की आस हैं।।
मैं तेरे चरणों की धूल हूँ,
तू गुरु मैं तेरा सेवक हूँ।।
इच्छा मन की यही हैं मेरे,
तेरा गुणगान मैं चाहता हूँ।।
हे राम! दृष्टि बनाये रखना,
मेरे जीवन नय्या पार करना।।
मुझे अज्ञानी समझकर,
मेरे हर दुःखो को हर लेना।।