इससे पहले कि मैं अब पागल हो जाऊँ।
चाहता हूँ कि तुम्हारा काज़ल हो जाऊँ।।
तू बरसती रहे मैं भीगता रहूँ मुसलसल,
ग़र तू भीगती रहे तो मैं बादल हो जाऊँ।।
मैं वो पत्थर भी नहीं कि जिसे चोट न हो,
मैं वो फूल भी नहीं कि घायल हो जाऊँ।।
लगा के देखो मुमकिन है नाम के बाद,
मेरा नाम मिले तो मैं मुक़म्मल हो जाऊँ।
So super sir.