राम हमारी संस्कृति हैं और राम हमारी भाषा हैं।
राम हमारा गौरव हैं और राम ही अभिलाषा हैं।।
राम – नाम हर दिल मे बसा हर जुबाँ पर उनकी गाथा है।
राम हमारी साँसों मे मर्यादा की वो परिभाषा हैं।।
राम जीत कर आयें हैं फिर खत्म करके वनवास सभी।
राम हमारी उम्मीदें हैं और राम हमारी आशा हैं।।
राम हमारा प्रेम हैं और राम ही हमारी परिपाटी।
राम हमारी आस्था हैं और राम ही प्रेम पिपासा हैं।।
राम हमारी ऊर्जा हैं और राम ही तन-मन मे व्यापित।
राम- नाम है अटल सत्य और राम सूर्य की आभा सा हैं।।
राम ध्येय हैं रोम-रोम मे राम बसे हैं साँसों मे।
राम हमारे जीवन मे अलौकिक एक दिया सा हैं।।
About Author
शिक्षा- एम0ए0 ( राजनीति शास्त्र एवं प्राचीन इतिहास)
उन्नाव, उ0प्र0
साझा संकलन:-
लावा प्रकाशन व गुलदस्ता पत्रिका व शहीदों तुम्हें नमन, काव्य बिभूति, प्रांजल काव्यांकुर मे छपी रचनायें व महकते आँगन व काव्य सरस, युग धारा फाऊन्डेशन, एक नई मधुशाला, प्रीत मीत के, बंधन प्रेम का, हिन्ददेश के रचनाकार, चलते-चलते, हमारे अल्फाज, नई काव्य धारा साझा संकलन व अन्य कई पत्र- पत्रिकाओं मे प्रकाशित रचनायें।
प्रतीक्षारत:-
दिल के अल्फाज, शब्दों के मोती और अन्य कई साझा संकलन मे प्रतीक्षारत रचनाये़ं।
एकल:-
खोज”व मधुशाला फिर से” एकल संग्रह प्रकाशन मे।
सम्मान:-
लावा प्रकाशन के द्वारा सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान
हमारे अल्फाज में साहित्य विभूषण सम्मान
नई काव्य धारा मे साहित्य प्रहरी सम्मान
युग धारा मे गीतिका सौरभ सम्मान।