हर देश से ऊँची शान जिसकी ऐसा देश हमारा, सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा।। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई रहते है प्रेम से यहाँ, बैर नही कोई आपस में ऐसा है वतन हमारा।। भेद नही रखता कोई अमीर हो या… Read More
ग़ज़ल : चाहत की इस दुनिया में
चाहत की इस दुनिया में, केवल व्यापार मिले मुझको चाहा जिसे फूलों की तरह, उससे ही खार मिले मुझको कैसे जिया और कैसे मरा हूँ, किसी को कोई गरज़ नहीं, दिल में घुस के आघात करें, कुछ ऐसे यार मिले… Read More
गीत : कर्मों का फल
नही भूल पाया हूँ मैं जिन्होंने दगा दिया था। मेरी हंसती जिंदगी में जहर जिन्होंने घोला था। कहर बन कर उन पर भी टूटेगा मेरे हाय का साया। और तड़पेगें वो भी जैसे मैं तड़प रहा।। जिंदगी का है उसूल… Read More
भारत माता के सात रणबाँकुरों की कहानी (सात शहीद, पटना)
द्वितीय विश्वयुद्ध में हमारे समर्थन के बदले अंग्रेजों ने आज़ादी देने का वादा किया था। लेकिन ऐसा हुआ नहीं, गोरों ने वादाखिलाफ़ी की, हम छले गए, धोखा मिला हमें,आज़ादी नहीं। आक्रोश ने आंदोलन का रूप ले लिया । अब दौर… Read More
कविता : शहीदों को नमन
बहुत ख़ुशी है आज हम सब को। मना जो रहे हैं स्वंत्रता दिवस को। पर मिली कैसे हमे ये आज़ादी। जरा डालो नजर तुम इतिहास पर।। न जाने कितनी मांओ की गोदे उजड़ गई। न जाने कितनी माँगे बहिनों की… Read More
ग़ज़ल : क्या करोगी तुम मेरे जनाज़े में आ कर
क्या करोगी तुम मेरे जनाज़े में आ कर, न रोना तुम कभी भी यूं छुप छुपा कर। रख लेना दिल में दफन ये राज़ तुम भी, हम भी रखतें थे चांद पहलू में छुपा कर। यूं तो खामोश ही रह… Read More
गीत : जिंदगी की पूर्णता है मौत
डॉक्टर राहत इंदौरी के निधन पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजली गीत जिंदगी की पूर्णता है , मौत क्योंकर डर रहे हो । किसलिए ये फिक्र पगलों , मौत की तुम कर रहे हो।। ****** जो हुआ पैदा यहाँ पर , उसको… Read More
14 अगस्त अर्थात भारत-पाकिस्तान विभाजन और पाकिस्तान के निर्माण दिवस पर दिल के उदगार
पाकिस्तान:एक असफल देश पाकिस्तानी आँखों में क्युँ मानवता नही दिखती पाकिस्तानी हाथों में क्यूँ दानवता ही रहती भारत को मिटाने खातिर पाकिस्तान अब टूट रहा है पाकिस्तानी लोंगो में कोई समानता नहीं रहती , पाकिस्तान को टूटना होगा पाकिस्तान को… Read More
कविता : याद आती है
याद आती है तेरी मीठी बातें, याद आती है तेरी शैतानी बातें। सो जाता हूँ जब भी मैं रात को, ख़्वाबों में तंग करती है तेरी ही बातें।। कभी तो तू मुझे दिलासा दें, अपने दिल में मुझे थोड़ी जगह… Read More
स्वतंत्रता या उच्छृंखलता- जिम्मेदार कौन
आजादी की 74वीं वर्षगांठ के हम गवाह बन रहे हैं। हमारा देश इस वर्ष कोरोना महामारी का वैश्विक आपातकाल में समाया हुआ था, यह वर्ष दो हजार बीस इस सदी का सबसे भयानक वर्ष माना जाएगा,इस बीच जब हम स्वतंत्रता… Read More