song dedicated to rahat indori

डॉक्टर राहत इंदौरी के निधन पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजली गीत

जिंदगी की पूर्णता है ,
मौत क्योंकर डर रहे हो ।

किसलिए ये फिक्र पगलों ,
मौत की तुम कर रहे हो।।
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जो हुआ पैदा यहाँ पर ,
उसको मरना है जरूर ।
है मुसाफिरखाना दुनिया,
खाली करना है जरूर ।।

हो नहीं मालिक जहां के,
उसके खातिर मर रहे हो ।
किसलिए ये फिक्र पगलों,
मौत की तुम कर रहे हो ।।
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मौत ने देखा नहीं हो,
एक ऐसा घर बता दो ।
नष्ट जो होता नहीं हो ,
एक वो छप्पर बता दो ।।

जहाँ फानी है भले तुम ,
मील के पत्थर रहे हो ।
किसलिए ये फिक्र पागलों,
मौत की तुम कर रहे हो ।।
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होना है हिसाब आखिर,
क्यों न हम तैयार हो लें ।
बंद क्यों मुट्ठी को रक्खें,
जा रहे सब हाथ खोले ।।

क्यों नहीं इंसान होकर ,
गम जहां के हर रहे हो ।
किसलिए ये फिक्र पागलों,
मौत की तुम कर रहे हो ।।
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जो घटित होना यकीनी,
क्यों “अनंत” दुख को पालें।
जिंदगी ऐसे जिएं हम ,
डर दिलों में से निकालें ।।

लोग यह कहने लगे तुम,
मौत हंस के वर रहे हो।
किसलिए ये फिक्र पगलों,
मौत की तुम कर रहे हो ।।
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