karmon ka fal

नही भूल पाया हूँ मैं
जिन्होंने दगा दिया था।
मेरी हंसती जिंदगी में
जहर जिन्होंने घोला था।
कहर बन कर उन पर भी
टूटेगा मेरे हाय का साया।
और तड़पेगें वो भी
जैसे मैं तड़प रहा।।

जिंदगी का है उसूल
जो तुमने औरों को दिया।
वही सब तुमको भी
आगे जाकर मिलेगा।
फिर तुमको याद आएंगे
अपने सारे पाप यहाँ।
और भोगोगे अपनी
करनी का पूरा फल।।

समय चक्र एक सा
कभी नही चलता है।
जो आज तेरा है
वो कल औरों का होगा।
यही संसार का नियम
विधाता ने बनाया है।
और स्वर्ग नरक का खेल
यही दिखाया जाता है।।

जो गम तुमने दिए थे
वो अब तुम्हे मिलेंगे।
और तेरे साथी ही
तुझ पर अब हँसेंगे।
और ये सब देखकर तू
अपनी करनी पर रोएगा।
पर तेरी आँसू कोई भी
पूछने वाला नहीं होगा।

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