क्या करोगी तुम मेरे जनाज़े में आ कर, न रोना तुम कभी भी यूं छुप छुपा कर। रख लेना दिल में दफन ये राज़ तुम भी, हम भी रखतें थे चांद पहलू में छुपा कर। यूं तो खामोश ही रह… Read More
क्या करोगी तुम मेरे जनाज़े में आ कर, न रोना तुम कभी भी यूं छुप छुपा कर। रख लेना दिल में दफन ये राज़ तुम भी, हम भी रखतें थे चांद पहलू में छुपा कर। यूं तो खामोश ही रह… Read More