kahni ha uski ma hai

कहानी : हाँ, वह उसकी माँ है

गर्भवास का पिंड छुड़ाकर अभी-अभी तो वह बाहर आया है और आते ही बेहोश हो गया था। उसे नहीं मालुम कि वह कितने घंटे बेहोश पड़ा रहा। इस समय वह खुद एक चादर में लिपटा हुआ था। आंख खुलते ही… Read More

jai shree ram

कविता : मेरे राम हैं तेरे राम

मेरे राम हैं तेरे राम, तेरे राम है मेरे राम रामचंद्र जग के रखवारे, सबके काज सँवारे राम। सारी दुनिया भई दीवानी, बनी बाँवरी देख ज़रा चली आ रही धाम अयोध्या, दर्शन देंगें रामलला मंगल गीत गा रहे सारे, ताल… Read More

rakhi festival in movies

लेख : फ़िल्मों में राखी धागों का त्योहार

हमारा देश धर्मप्राण देश रहा है। आध्यात्मिक ऊर्जा यहां के कण-कण में समाविष्ट है। यहां के व्रत-नियमों का सम्बन्ध अध्यात्मदर्शन, देवदर्शन और निरामयता से जुड़ा हुआ है। इसलिए हमारे व्रत-उपवासों की सुदीर्घ परम्परा सदा से चली आयी है। वर्ष में… Read More

Indian family

कविता : खानदान का महत्व

कहीं का ईट कहीं का रोडा भानुमती ने कुनबा जोड़ा। देखो देखो इस कुनबे को कैसे इतरा रहा है कुनबा। इस कुनबे में स्वार्थ है ज्यादा पर अपनापन बहुत कम है। फिर भी देखो इस कुनबे को एक सूत्र में… Read More

rikshawala

कहानी : रिक्शावाला

शहर के चौक-चौराहे पर इक्के-दुक्के ही रिक्शावाले नजर आते हैं। शायद आज कल आदमी रिक्शा की सवारी करना नहीं चाहते हैं या ई-रिक्शा के कारण। आखिर वजह जो भी हो। रिक्शावाला पूस के ढलते सूरज को देख चिंतित मुद्रा में… Read More

agaye-ki-soch

कविता : आगे की सोचो

जो बीत गया सो बीत गया अब उसके लिए क्यों रोना। आने वाले पलो की सोचो खुशियों के बारे में सोचो। जीने का मकसद को सोचो जीने की तुम राह चुनो। मोक्ष मार्ग तुमको मिलेगा सच्चे मन से तुम या… Read More

kite in butterfly shape

कविता : कागजी तितली

ठिठुरन सी लगे, सुबह के हल्के रंग रंग में । जकड़न भी जैसे लगे, देह के हर इक अंग में ।। उड़ती सी लगे, धड़कन आज आकाश में। डोर भी है हाथ में, हवा भी है आज साथ में। पर… Read More

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कविता : तब तुमने कविता लिखी बाबूजी

तब तुमने कविता लिखी बाबूजी जब फांसी पर झूला किसान, जब गिरवी हुआ उसका खेत और मकान, जब बेचा था उसने बीवी का अन्तिम गहना, तब भी दूभर था उसका ज़िंदा रहना, वो हार गया आखिर जीवन की बाजी, तब… Read More

cute copule

गीत : प्रेम रस बरसे

गीत गजल कविताएं, मैं लिखता हूँ । गीत मिलन के भी, जो मैं गाता हूँ।। गीत मिलन के मैं, गा के सुनता हूँ। प्रेम रस बरसाता हूँ, मैं अपने गीतों से। जग जाती है मोहब्बत, लोगों के दिलो में। मंत्रमुक्त… Read More

Shree Ram and Hanuman

कविता : हे राम! मुझे अपना लो

हे राम! मुझे हनुमान समझ कर अपना लो निज सेवक सुत अंजान समझ कर अपना लो महामूरख ठेठ नादान समझ कर अपना लो कंकड़ धूलि पाषान समझ कर अपना लो। नेह इतना बरसाओ कि मन दुःख बिसरा दे दुःख पीड़ा… Read More