sakranti in india

कविता : मकर संक्रांति

युगों युगों से, काल काल में, वेदों में ,पुराणों में आलौकिक है महिमा मंडित,शास्त्रों में व्याख्यानों में। बिहू,पोंगल,माघी,ओणम खिचड़ी कोई तिलचौली विभिन्न नाम से संक्रान्ति इस भारत में जाती बोली। दक्षिण से उत्तर को आते सारँग सूर्य भगवान किसी पिता… Read More

Kahani bhediya

कहानी : भेड़िया

“तड़ाक” उसने एक जोरदार तमाचा उसके गाल पर जड़ दिया था। तमाचा जड़ने के साथ ही उसका पूरा शरीर क्रोध में कांप रहा था। आँखों में अंगारे दहक रहे थे। उसकी आवाज में बिजली-सी कौंध रही थी। वह किसी भेड़िए… Read More

happy makar sakranti 24

मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं

मूंगफली की खुशबू और गुड़ की मिठास दिलों में खुशी और अपनो का प्यार, मुबारक हो आपको मकर संक्रांति का त्यौहार! साहित्य सिनेमा सेतु परिवार की ओर से आपको मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं। +20

happy lohari 2024

लोहड़ी की हार्दिक शुभकामनाएं

भांगड़ा- गिद्दा की कर लो तैयारी आ गई लोहड़ी मनाने की बारी अब सब इकट्ठे हो जाओ आओ मिलकर लोहड़ी मनाओ। साहित्य सिनेमा सेतु परिवार की ओर से आपको लोहड़ी की हार्दिक शुभकामनाएं। 00

Swami Vivekananda Jayanti

कविता : स्वामी विवेकानंद जयंती

भारत माँ के लाल यशस्वी, कोटि- कोटि चरण वन्दन। अमर मनुज विवेकानंद जी,सह्रदय स्वामी अभिनन्दन ।। सम्मान बढ़ाया भारत का, हम विश्वगुरु हैं बतलाया। सुन शून्य की अनन्त व्याख्या,जग का माथा चकराया।। भाषण दिया शिकागो में, पश्चात वो प्रवचन कहलाया।… Read More

story pubg game

कहानी : पबजी

गौतम इस वर्ष मैट्रिक की इम्तिहान देने वाला है। इनके मित्रों के पास फोरजी मोबाइल है। वे सभी रात को पढ़ाई के नाम पर पबजी गेम खेलते हैं। गौतम भी बाबा से फोरजी मोबाइल खरीद देने की जिद करता है।… Read More

Mangarh Dham

कविता : मानगढ़ की शहादत के गुरु

बागड़ प्रदेश के बांसवाड़ा में गोविंद गुरु के सानिध्य में पाई थी तरक्की भीलों ने उनके अथक प्रयास से छोड़ दी थी सारी बेतुकी और बर्बादी की आदतें शराब, जुआं, चोरी और मवेशी खाना गांव-गांव पैदल चलकर करते थे सभा… Read More

Bhagoriya Festival

कविता : लोक पर्व भगोरिया

जंगल में जब टेशू और महुआ खिलते हैं तब सुनाई देती है फाल्गुन की आहट मालवा निमाड़ धरा पर और भगोरिया पर्व की उमंग मिलने को आतुर पिया संग निकले घर से सजकर अपनी पीड़ाओं को तजकर रंग बिरंगी पोशाक… Read More

poem ragistan ka jhahaj

कविता : रेगिस्तान का जहाज

सुबह राबड़ी का कलेवा करके निकले हैं घर से जोरू और मोहरू ऊंट को पैदल लेकर जंगल में । छोंकड़ा के पेड़ों में उल्टे लटक रहे हैं सींगर हरी हरी लूम के साथ ज्यादा ऊंचाई होने से ऊंट के मुंह… Read More

kahani-ghar-say-farar-zindagi2023

कहानी : घर से फरार जिंदगियाँ

उतरत दिसंबर की भोर अम्मा ने साक्षी को जगाते हुए बड़े लाड़ – प्यार से कहा – ” उठो बिन्नू! उठो! मुहल्ला के सारे मौड़ी – मौड़ा जग गए हैं। का तुमें उठने नईंयांँ ? जितेंद्र सर की टूशन की… Read More