तीन रुपये के लिए जात की औकात बतलाती है, फ़िल्म आर्टिकल 15। यूं तो हमारे संविधान का अनुच्छेद 15 कहता है कि धर्म, वंश, जाति, लिंग और जन्म स्थान आदि के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जायेगा।… Read More

तीन रुपये के लिए जात की औकात बतलाती है, फ़िल्म आर्टिकल 15। यूं तो हमारे संविधान का अनुच्छेद 15 कहता है कि धर्म, वंश, जाति, लिंग और जन्म स्थान आदि के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जायेगा।… Read More
सुपर पावर चश्में और मायाजाल की कहानी है स्पाइडरमैन : फार फ्रॉम होम। यह फ़िल्म ‘अवेंजर्स इनफिनिटी वॉर’ और ‘अवेंजर्स एंडगेम’ की अगली कड़ी है। इसलिए अगर आपने ये फ़िल्म नहीं देखी तो फिर इससे खुद को जोड़ने में थोड़ी… Read More
नये बोतल में पुरानी शराब को भरकर बेचने की असफल कोशिश है कबीर सिंह। इस फ़िल्म को देखकर लगता है हिंदी सिनेमा 21 वीं सदी में अब भी लव, लड़की और ब्रेकअप तक ही अपने आप को बांधे हुए है।… Read More
आज के फनकार : ‘पीयूष मिश्रा‘ (प्रसिद्ध रंगकर्मी, सिने कलाकार, पटकथा लेखक, शायर, गीतकार व गायक) दिन- गुरूवार, दिनांक- 08.03.2018, समय- 12.00 बजे, स्थान- NSD, दिल्ली +190
दिन- गुरुवार, दिनांक- 22 जून 2017, समय- शाम 4 बजे स्थान : तुलसी सभागार, नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया (उ.प्र.) +1420
दिन– शनिवार, दिनांक- 30 अप्रैल 2016, समय- प्रातः 11 बजे स्थान : संगोष्ठी कक्ष, हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली 00
दिन- शुक्रवार, दिनांक- 24 जनवरी 2014, समय- प्रातः 11 बजे स्थान : संगोष्ठी कक्ष, हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली +10