भारत माँ के लाल यशस्वी, कोटि- कोटि चरण वन्दन।
अमर मनुज विवेकानंद जी,सह्रदय स्वामी अभिनन्दन ।।
सम्मान बढ़ाया भारत का, हम विश्वगुरु हैं बतलाया।
सुन शून्य की अनन्त व्याख्या,जग का माथा चकराया।।
भाषण दिया शिकागो में, पश्चात वो प्रवचन कहलाया।
छवि सँवारी भारत की, दिखा दिया सबको दरपन।।
परमहंस के परमप्रिय स्वामी, मृदुभाषी सन्त महाज्ञानी।
संयमित कर्मा, नियमित धर्मा,परम् सनातनी दिव्यवाणी।।
भगवाधारी, राष्ट्रपुत्र, ओजस्वी, पुरोधा, परम ध्यानी।।
जन्मदिवस पर सारा भारत, कृतज्ञ राष्ट्र कर रहा नमन।